तीसरी लहर की संभावना, BCCI जल्द ले फैसला
इसमें कोई शक नहीं कि टी20 विश्व कप एक बड़ा इवेंट है जहां बड़ी टीमें बड़ा धमाका करने के लिए कमर कस रही हैं, लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि इसके चक्कर में बड़ा धमाका कहीं नुकसान से भरा ना हो जाए। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत में सितंबर तक तीसरी लहर आ सकती है। दूसरी तरफ बीसीसीआई तैयार बैठा है कि अक्तूबर-नवंबर को टी20 विश्व कप की मेजवानी कर ली जाएगी, लेकिन याद रहे कि यह टूर्नामेंट पिछले साल मार्च में होने वाला था, पर कोरोना के कारण इसे स्थगित कर अक्तूबर-नवंबर में करवाने का निर्णय लिया गया था, हालांकि आईपीएल के कारण यह भी संभव नहीं हुआ जो यूएई में करवाया गया था। आईपीएल 2021 शुरू तो भारत में किया लेकिन यह भी बीच में रोकना पड़ा। यानी कि ब्रेक लगा-लगाकर बीसीसीआई जैसे-तैसे काम निकालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर आती है तो वो ऐसा करने की इजाजत उन्हें नहीं देगी। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर, दूसरी लहर की तरह की बेहद खतरनाक होगी। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि तीसरी लहर 98 दिन तक चल सकती है। ऐसे में बीसीसीआई को अब जल्द फैसला लेकर आईसीसी को साफ कह देना चाहिए कि वो भारत में टूर्नामेंट आयोजित करने में सक्षम हो पाएगा या नहीं। इसको लेकर अब जल्द ही बीसीसीआई को फैसला लेना होगा ताकि आईसीसी भी इस बड़े इवेंट के लिए कोई प्लान तैयार कर सके।
ICC को भी है संदेह
जी हां, आईसीसी को संदेह है। तीसरी लहर से जुड़े जो अनुमान लगाए जा रहे हैं वो जरूर चिंता विषय है। हालांकि, आईसीसी अब नहीं चाहता कि वो इतने रोमांचक इवेंट को करवाने के लिए सिर्फ इसलिए देरी करे कि इसे भारत में ही आयोजित करवाना है। नियम के अनुसार, जब कोई देश टूर्नामेंट आयोजित करने में अंतिम समय असफल रहता है तो आईसीसी जल्द फैसला लेकर किसी अन्य जगह पर टूर्नामेंट करवाने का फैसला सुनाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब आईसीसी ने थोड़ा कड़वा रवैया बीसीसीआई के सामने रख दिया है। 1 जून को हुई आईसीसी की मीटिंग में जो फैसले लिए गए उससे साफ है कि भारत के लिए इस बड़े इवेंट को घरेलू मैदानों पर करवाना मुश्किल होगा। आईसीसी नहीं चाहता कि बीसीसीआई अब फिर उनको लटकाए। आखिर हुआ भी ऐसा, मीटिंग के दाैरान बीसीसीआई ने आईसीसी से समय मांग लिया कि उनको समय दिया जाए ताकि वो तय कर सकें कि क्या करना है। अब इससे यह भी प्रतीक हो रहा है कि क्या बीसीसीआई टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए वही रास्ता अपनाने की सोच रहा है जो आईपीएल के 14वें सीजन के लिए चुना, फिर वो फैसला घातक भी साबित हुआ। यही कारण है कि आईसीसी ने बीसीसीआई को साफ कह दिया है कि 28 जून तक आपके पास समय है। फैसला लेना होगा कि टूर्नामेंट भारत में ही करवाया जा सकता है या नहीं।
मेजबानी भारत के पास ही रहेगी, तो UAE है अच्छा विकल्प
एक सवाल और है, अगर टी20 विश्व कप के मैच यूएई में करवाए जा सकते हैं तो फिर चिंता किस बात की? मेजबानी तो फिर भी बीसीसीआई के पास ही रहेगी। अन्य टीमें भी भारत में आने के लिए अब डर रही होंगी। वो चाहेंगी कि इसे यूएई में ही करवाया जाए जहां कोरोना का असर नहीं है। अगर यूएई में इसे करवाया जाता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। यूएई ही वही जगह है जहां मुश्किल समय टूर्नामेंट करवाए जाते हैं। आईपीएल 2020 भी यहां पूरी सुरक्षा व बिना रूकावट के करवाया गया था। अब उम्मीद है कि बीसीसीआई भारत की स्थिति देखते हुए आईसीसी का सहयोग कर यूएई में टी20 विश्व कप की मेजबानी करने में तैयार हो जाए। यूएई में अगर टूर्नामेंट होता है तब भी बीसीसीआई के सामने कुछ चुनाैतियां रहेंगी, क्योंकि वह आईपीएल 2021 के बचे बाकी मैच करवाने के लिए तैयार है। ऐसे में देखना बाकी है कि बीसीसीआई कैसे इन दो इवेंट्स को कवर करती है। आपको बता दें कि कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। यही नहीं, कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है, जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है। अब तीसरी लहर का खाैफ है जिससे निपटने के लिए सख्ती से पेश आना होगा।