नई दिल्ली। दुनियाभर में टी20 की बढ़ती लीग को देखते हुए टेस्ट क्रिकेट पर खतरा मंडराता हुआ दिख रहा है। कई दिग्गज कह चुके हैं कि अगर टेस्ट को बचाना है तो चल रहीं कई टी20 लीग को अधिक बढ़ावा नहीं देना होगा। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के चेयरमैन शशांक मनोहर ने भी माना था कि टेस्ट क्रिकेट धीरे-धीरे 'खत्म' हो रहा है। उनके इस बयान का बचाव करते हुए अब आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन ने कहा कि उनके कहने का मतलब था कि टेस्ट क्रिकेट को अधिक प्रासंगिकता की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हां, समय समय पर कुछ बेजोड़ मुकाबले होते रहते हैं लेकिन अगर आप प्रतिनिधित्व करने वाली टीमों का हिस्सा या प्रशंसक नहीं है तो उस निश्चित सीरीज को लेकर असली रुचि नहीं होती। उनका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता अब कायम है। रिचर्डसन ने कहा है कि पांच दिनी प्रारूप को फैंस के बीच रुचि कायम रखने के लिए थोड़ा बढ़ावा देने की जरूरत है। रिचर्डसन ने आगे कहा कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के शुरू होने से इसमें रुचि बढ़ेगी और टेस्ट मैचों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में मदद मिलेगी फिर चाहे कोई भी टीम खेल रही हो. वह यही कह रहे थे, टेस्ट क्रिकेट को इसी अतिरिक्त बढ़ावे की जरूरत है, इसको बढ़ावा देने की जरूरत है और उम्मीद करते हैं कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप इसका जवाब होगी।
बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली भी टेस्ट क्रिकेट को अधिक महत्तव देते हैं। उनके अनुसार टेस्ट से बढ़कर कोई गेम नहीं है। यहीं से खिलाड़ी की क्लास बैटिंग का पता चलता है। वहीं कोहली ने दुनिया के युवा बल्लेबाजों से भी टेस्ट के साथ लगाव लगाने की अपील की है। कोहली का मानना है कि क्रिकेट की पहचान टेस्ट है। ऐसे में टी20 को ज्यादा महत्तव देने के कारण क्रिकेट की पुरानी पहचान को भुलाना नहीं चाहिए।