नई दिल्ली। ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अहम पारी खेलते नजर आए। एंटिगुआ के सर विव रिचर्ड्स स्टेडियम में विंडीज के खिलाफ चल रही 2 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में भारत जिस समय 250 के अंदर आलआउट होता दिख रहा था तब जडेजा ने आठवें नंबर पर आकर पारी को संभाला। जडेजा ने 112 गेंदों में 58 रनों की पारी खेली जिसकी बदाैलत भारत पहली पारी में 297 रन बना सका। अर्धशतक लगाने के बाद जडेजा ने खुशी जताते हुए इरादे जाहिर किए हैं कि वो भविष्य में भी मुश्किल समय टीम के लिए ऐसी पारियां खेलते रहेंगे।
जडेजा ने इशांत शर्मा (19) के साथ आठवें विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी निभाई। जडेजा ने कहा, 'मुझ पर प्रदर्शन करने का कोई दबाव नहीं था। निश्चित रूप से आपको अच्छा लगता है जब कप्तान आप पर भरोसा दिखाता है और आपको मुख्य खिलाड़ी मानता है। यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है क्योंकि आपका कप्तान आप पर विश्वास दिखा रहा है। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं भरोसे को सही ठहराने में सफल रहा। मैं भविष्य में भी ऐसा ही करता रहूंगा।'
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इशांत के साथ की गई साझेदारी ही टीम का स्कोर 250 के पार पहुंचाने में काम आई। इसको लेकर जडेजा ने कहा कि जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था, मैं भागीदारी निभाना चाहता था। मैं पुछल्ले बल्लेबाज जैसे इशांत, शमी और बुमराह के साथ खेलने पर ध्यान लगा रहा था। उन्होंने कहा, 'मैं अपने खेल पर ध्यान लगा रहा था. मैं यह नहीं सोच रहा था कि बाहर क्या हो रहा है और दूसरे क्या सोच रहे हैं। मैं मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कर रहा था। मेरा ध्यान पार्टनरशिप पर था। जब ऋषभ आउट हुए, मैं इशांत से बीच में रहने और साझेदारी बनाने के बारे में बात कर रहा था। हम एक समय में एक ओवर के बारे में सोच रहे थे।' उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी टीम के लिए यह अच्छा नहीं होता कि लोअर ऑर्डर के खिलाड़ी लगातार रन स्कोर करें, तो यह हमारी तरह से गेम प्लान था।
जडेजा का यह टेस्ट क्रिकेट में उनका 11वां अर्धशतक था। अपनी इस शानदार पारी के दम पर उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले मैच में भारत को सम्माजनक स्कोर तक पहुंचाने में मदद की। यही नहीं, पिछली आठ पारियों में जडेजा ने चौथी बार 50 से अधिक का स्कोर किया। बता दें जडेजा को पहले टेस्ट के लिए आर अश्विन की जगह पर लिया गया है। कई पूर्व क्रिकेटर्स इस फैसले को लेकर नाराजगी भी जता चुके हैं।