खुद जसप्रीत बुमराह ने किया खुलासा
वेबसाइट क्रिकबज के एक चैट शो में बात करते हुए जसप्रीत बुमराह ने अपने शुरुआती दिनों के बारे में बताया और इस बात का खुलासा किया कि कैसे रणजी मैच के दौरान लोग उन्हें कहते थे कि वो 6 महीने से ज्यादा नहीं खेल पायेंगे।
बुमराह ने इंटरव्यू में कहा, 'कई लोगों ने कहा था कि वो 6 महीने से ज्यादा रणजी ट्रॉफी नहीं खेल पाएंगे। मैं पतला था और मेरा कद देखकर लोग मुझे हल्के में लेते थे, वो सोचते थे कि ये क्या गेंद फेंकेगा। लेकिन जब मैं पहली गेंद फेंकता था तो लोग चौंक जाते थे.'
रन बनाने से ज्यादा बचाना था पसंद
जसप्रीत बुमराह ने चैट शो में बात करते हुए बताया कि उन्हें बचपन से ही रन बनाने से ज्यादा रन बचाना पसंद था। वह बल्लेबाजों को रन बनाने में मशक्कत करते हुए देखना पसंद करते थे।
उन्होंने कहा, 'मुझे बचपन से ही तेज गेंदबाज पसंद थे। उनका तेज भागना, बल्लेबाज को डराना, मुझे कभी बड़े छक्के, बड़ा स्कोर पसंद नहीं आया, मुझे तभी मजा आता था जब कोई गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करता था। मैंने जब रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में 7 विकेट लिए तो मुझे विश्वास हो गया कि मेरे अंदर कुछ तो सही है जो मैं 4 दिवसीय मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर पा रहा हूं। नहीं तो लोग कहते थे कि मैं 6 महीने से ज्यादा नहीं खेल पाऊंगा.'
हमेशा से शांत गेंदबाज नहीं ते बुमराह, बल्लेबाजों को देते थे गालियां
मौजूदा समय में भले ही जसप्रीत बुमराह सबसे शांत गेंदबाजों में से एक हैं लेकिन वह बचपन से ऐसे नहीं थे। जसप्रीत बुमराह ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि वह हमेशा से शांत नही थे बल्कि उन आक्रामक गेंदबाजों में से एक थे जो बल्लेबाजों की खिंचाई करता है और लोगों को गालियां तक दे देता था।
उन्होंने कहा, 'बचपन में जब कोई बल्लेबाज मेरी गेंदों पर शॉट्स लगाता था तो मुझे बहुत गुस्सा आता था। मैं बल्लेबाज को डराने की कोशिश करता था। बाउंसर फेंकता था, बल्लेबाजों को स्लेज करता था, उनके पास जाकर उन्हें गालियां देता था। धीरे-धीरे मुझे समझ आ गया कि ये मेरे खेल को अच्छा करने में मदद नहीं कर रहा है।'
ऐसे सीखी परफेक्ट यॉर्कर फेंकना
दुनिया भर में यॉर्कर किंग के नाम से मशहूर जसप्रीत बुमराह ने चैट शो के दौरान बताया कि जिस गेंद से दुनियाभर के बल्लेबाज खौफ खाते नजर आते हैं उसे उन्होंने कैसे सिर्फ एक टेनिस बॉल से उन्होंने सटीक यॉर्कर फेंकना सीखा।
उन्होंने कहा, 'बचपन में जब टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था तो एक ही तरीका था विकेट लेने का... यॉर्कर गेंद। इसके बाद जब मैंने लेदर बॉल से खेलना शुरू किया तो पता चला कि विकेट लेने के और भी तरीके हैं। इन स्विंग है, आउट स्विंग है। हालांकि मैं यॉर्कर अच्छी कराता था तो वो हथियार मैंने हमेशा अपने पास रखा और आज भी मैं उसका इस्तेमाल करता हूं।'