नई दिल्ली। अपने विवादित बयानों के चलते हमेशा चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने अब दानिश कनेरिया मामले पर अपनी राय रखी है। जावेद मियांदाद ने दानिश कनेरिया पर झूठ बोलकर अपने लिये सहानुभूति बटोरने का प्रयास बताते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान में ऐसा हो रहा होता तो वो 10 साल देश के लिये क्रिकेट नहीं खेलते। जावेद मियांदाद ने कहा कि अगर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव होता तो दानिश कनेरिया कभी भी देश के लिए नहीं खेल पाते।
जावेद मियांदाद ने कहा, 'पाकिस्तान ने दानिश कनेरिया को बहुत कुछ दिया और वह 10 साल तक देश के लिये टेस्ट क्रिकेट खेला। अगर यहां पर धर्म कोई मुद्दा होता तो क्या यह संभव हो पाता? पाकिस्तान क्रिकेट में हमने कभी भी धर्म को लेकर पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाया है।'
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गौरतलब है कि दानिश कनेरिया मामले पर जावेद मियांदाद की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब शोएब अख्तर ने एक स्पोर्टस शो में हिंदू खिलाड़ियों के साथ पाकिस्तान क्रिकेट में हो रहे भेदभाव का खुलासा किया। शोएब अख्तर ने कहा था कि जब वह खेलते थे तो उस दौरान उनके साथी खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटर इसलिए खाना खाने से इंकार कर देते थे क्योंकि वह हिंदू हैं।
स्पॉट फिक्सिंग मामले में पाकिस्तान क्रिकेट से आजीवन बैन झेल रहे दानिश कनेरिया ने शुक्रवार को कहा था कि शोएब अख्तर का दावा सच है। जब वह खेला करते थे तो कुछ साथी खिलाड़ी थे, जो उनके धर्म के चलते निशाना बनाया करते थे लेकिन बावजूद इसके उन्हें कभी भी अपना धर्म बदलने की जरूरत या दबाव नहीं महसूस हुआ।
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इससे पहले जावेद मियांदाद ने आईसीसी से भारत में मैच आयोजन और टीमों के दौरे पर बैन लगाने की मांग करते हुए इसे एक असुरक्षित देश बताया था। जावेद मियांदाद ने कहा था कि भारत में जो कुछ हो रहा है सारी दुनिया देख रही है, आईसीसी को भारत के साथ वही रवैया अपनाना चाहिये जो उसने 10 साल पहले पाकिस्तान के साथ अपनाया था।