पुराने दिग्गजों से तुलना ठीक नहीं
मियांदाद ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा, ''माैजूदा समय क्रिकेट बदल चुका है। ऐसे में आज के खिलाड़ियों की तुलना मेरी पीढ़ी के दिग्गजों के साथ करना उचित नहीं है, क्योंकि हम उस समय खेले जब रन बनाना आसान नहीं होता था।''मियांदाद ने पाकिस्तान के लिए 124 टेस्ट और 233 वनडे मैच खेले हैं। उनके नाम टेस्ट में 52.57 की औसत से 8832 रन, जबकि वनडे में 41.70 की औसत से 7381 रन दर्ज हैं।
हमारे समय में क्रिकेट मुश्किल था
पाकिस्तान के इस पूर्व क्रिकेटर ने आगे यह भी कहने का प्रयास किया कि माैजूदा समय के क्रिकेटर पुराने खिलाड़ियों की कमी पूरी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ''दूसरा सचिन तेंदुलकर या सुनील गावस्कर मिलना बहुत मुश्किल है। हमारे समय में क्रिकेट मुश्किल था। हमें मार्शल, हेडली, लिली और थॉम्सन जैसे गेंदबाजों को खेलना पड़ता था उनके पास स्पीड थी और वे बाउंसी विकेट पर गेंदबाजी करते थे। आपको परिस्थितियों से तालमेल बिठाना पड़ता है। मौजूदा बल्लेबाजों- विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, केन विलियमसन, जो रूट और बाबर आजम की तुलना करना भी उन्हें उचित नहीं लगता।''
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सब अच्छे हैं
इसके अलावा मियांदाद ने कहा कि अब विकेट की प्रकृति और परिस्थितियां बदल चुकी हैं। आप विराट, स्मिथ या बाबर की तुलना नहीं कर सकते। सब अच्छे हैं, लेकिन फिर भी इनमें क्वॉलिटी का फर्क है। जो अलग-अलग परिस्थितियों में परफॉर्म करता है वह महान है।'' बता दें कि आमिर सोहेल ने कहा था कि कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं कि जो खुद तो महान होते ही हैं, उनके रहने से टीम के बाकी खिलाड़ियों का भी प्रदर्शन बेहतर होता है। मियांदाद ऐसे ही खिलाड़ी थे, जिनके साथ खेलने से दूसरे खिलाड़ियों को कुछ सीखने को मिलता था। अब यही काम कोहली कर रहे हैं। अन्य खिलाड़ी कोहली को फॉलो कर तरक्की कर रहे हैं।