फाइनल मैच में कर रहे थे असहज महसूस
जावेद मियांदाद ने कहा कि जब मैं उस फाइनल का वीडियो क्लिप देखता हूं तो यकीन नहीं होता कि हमने कैसे खिताब जीत लिया। जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तो शुरुआती विकेट जल्दी-जल्दी गिरते गए। मेरा इरादा क्रीज पर टिके रहने और अपना विकेट न गंवाने का था। जावेद मियांदाद ने आगे कहा, हालांकि बल्लेबाजी के दौरान मैं काफी असहज स्थिति में था। मैं वायरल इंफेक्शन से पीड़ित था, जिससे मेरी रनिंग पर असर पड़ रहा था।
हुआ था अजीबोगरीब वायरस
उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको ठीक से याद हो तो मैं पारी के अंत में अपने शॉट तक नहीं लगा पा रहा था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि मुझे क्या हुआ है। मुझे कोई अजीबोगरीब वायरस हो गया था, जिसकी वजह से मुझे बेहद पसीना आता था। मैंने डाक्टरों से भी बात की। पारी के अंत तक तो मेरी स्थिति ऐसी थी कि मैं सिर्फ खड़ा ही था, शॉट नहीं लगा पा रहा था। दूसरे छोर पर इमरान खान थे, जिन्होंने पूरे 50 ओवर बल्लेबाजी की और साझेदारी कर सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
ऐसे जीते थे फाइनल
बता दें कि इमरान खान की अगुआई में तब पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को खिताबी मुकाबले में हराकर पहली बार विश्व कप अपने नाम किया था। इमरान खान और जावेद मियांदाद ने तीसरे विकेट के लिए 139 रन की अहम साझेदारी की थी। इमरान ने 110 गेंद पर 72 रन बनाए थे, जबकि मियांदाद ने 98 गेंदों में 58 रन का योगदान दिया। इंजमाम उल हक के 46 गेंद पर 42 रन और वसीम अकरम के 18 गेंद पर 33 रनों की बदौलत पाकिस्तान ने छह विकेट पर 249 रन का स्कोर खड़ा किया. जवाब में इंग्लैंड की टीम 49.2 ओवर में सिमट गई और पाकिस्तान ने 22 रन से ये मैच जीत लिया।