नई दिल्ली। आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में जिस तरह से जयदेव उनादकट लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं उसके बाद भी उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिल पा रही है। खुद क्रिकेटर ने भी इसको लेकर निराशा जाहिर की थी और कहा था कि मैं अपने पीक पर हूं, मैंने घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लिए लगातार अच्छा कर रहा हूं, मुझे उम्मीद थी कि इस बार मुझे भारतीय टीम में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसकी वजह से मैं निराश जरूर हूं लेकिन मैं अपनी कोशिश जारी रखूंगा और अच्छा प्रदर्शन करता रहूंगा। रणजी ट्रॉफी 2019-20 में उनादकट सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने रिकॉर्ड 67 विकेट लिए और सौराष्ट्र की टीम को पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई।
जयदेव उनादकट को उम्मीद थी कि 2010 के बाद एक बार फिर से उन्हें टीम में खेलने का मौका मिलेगा, लेकिन चयनकर्ताओं ने लगातार उन्हें नजरअंदाज किया। उनकी जगह टीम में मोहम्मद सिराज, नवदीप सैनी, टी नटराजन को मौका मिला। हाल ही में उनादकट ने इस बात को लेकर निराशा भी जाहिर की थी कि उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। लेकिन टीम में उनाकट को क्यों जगह नहीं मिल पा रही है इसको पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी ने बड़ा बयान दिया है। घावरी सौराष्ट्र टीम के कोच भी हैं।
घावरी ने कहा कि मैंने 2019-20 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले के दौरान एक चयनकर्ता से पूछा था कि जब एक गेंदबाज 60 से ज्यादा विकेट अपनी टीम के लिए रणजी ट्रॉफी में लेता है तो क्या उसे भारतीय टीम में जगह नहीं मिलनी चाहिए, तो चयनकर्ता ने कहा कि उसे भारतीय टीम में शामिल नहीं किया जाएगा अब, उसका नाम 30 खिलाड़ियों क लिस्ट में भी नहीं है जिसपर हम चर्चा करते हैं। उनके खिलाफ जो चीज जा रही है वह है उनकी उम्र। उनकी उम्र 32-33 साल हो चुकी है, जिसकी वजह से भारतीय टीम में उनकी एंट्री पर पूर्ण विराम लग गया है।
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चयनकर्ता ने बताया कि आखिर हमे क्यों इतने उम्रदराज खिलाड़ी पर दांव लगाना चाहिए। बजाए इसके हम 21, 22, 23 साल के युवा खिलाड़ी पर दांव लगाएंगे अगर वह अच्छा खेलता है। वह भारतीय टीम के लिए अगले 8-10-12 साल खेल सकते है। अगर आज हम उनादकट को लेते हैं तो वह भारत के लिए कितने साल खेलेंगे। यह एक बड़ा प्रश्न है। घावरी ने कहा कि उनादकट की उम्र उनके लिए समस्या बन गई है। बता दें कि उनादकट ने भारत की ओर से एक टेस्ट मैच के अलावा सात वनडे और 10 टी-20 मुकाबले खेले हैं।