नई दिल्ली। मां बनने के बाद महिलाओं को अपने करियर को छोड़ने की चिंता होती है। इसी समय, नौकरी छोड़ने से वित्तीय नुकसान भी हो सकता है। जब क्रिकेट की बात आती है, तो महिला खिलाड़ियों को एक साल से अधिक समय तक मैचों से बाहर रहना पड़ता है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने इस संबंध में एक नया नियम स्थापित किया है। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने गर्वभती खिलाड़ियों को 12 महीने की छुट्टी तथा साथ ही पूरा वेतन देने का नियम बनाया है। इस नियम का पहला फायदा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर जेसी डफिन को मिला।
जेसी जुलाई महीने बच्चे को जन्म देने वाली हैं। उन्होने इसकी जानकारी सीए को दे दी है जिसके बाद बोर्ड ने जेसी को 12 महीने की छुट्टी देने का ऐलान किया साथ ही वेतन भी। वहीं उसे अगले साल होने वाले अनुबंध से भी बाहर नहीं किया जाएगा। सीए ऐसा नियम बनाने वाला पहला बोर्ड बन गया है। भारत का क्रिकेट बोर्ड सबसे अमीर है लेकिन यहां महिला क्रिकेटरों के लिए ऐसी कोई योजना नहीं है। भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने कहा कि भारत में महिला क्रिकेटरों को इस तरह का मातृत्व अवकाश नहीं मिलता है। टीम इंडिया के लिए दो अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी रीमा मल्होत्रा के मुताबिक, बीसीसीआई के पास ऐसा कोई मामला आया ही नहीं है।
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बता दें कि जेसी ने प्रेग्नेंट होने के बावजूद हाल ही में समाप्त हुई बिग बैश लीग में मेलबोर्न रेनेगेड्स टीम की कप्तानी की। इस दाैरान उन्होंने टूर्नामेंट के 14 मैचों में 68 की औसत से 544 रन बनाए थे। वे सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में वे तीसरे नंबर पर थीं। जेसी ने सीए की इस नई नीति ने कहा, 'मुझे पता चला है कि मैं चार सप्ताह की गर्भवती हूं। बीबीएल के दाैरान भी मैं प्रेग्रेंट थी। फिलहाल सभी लोग फरवरी में होने वाले विश्वकप की टीम के बारे में बात कर रहे हैं, तो मुझे लग रहा है कि जब सबको मेरी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चलेगा तो वे हंसेंगे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को भी झटका लगेगा, लेकिन अब वे समझ जाएंगे कि मैं पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया-ए के लिए क्यों नहीं खेली थी।' बता दें कि जेस डफिन 9 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया में शुरू होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाएंगी।