नई दिल्लीः इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने स्वीकार किया कि उनके खिलाड़ियों के भेदभाव भरे ट्वीट्स की खबरें सामने आने के बाद पिछले सप्ताह के दौरान वरिष्ठ राष्ट्रीय टीम के सदस्यों को कुछ "बदसूरत सच्चाई" का सामना करना पड़ा है। कप्तान ने जोर देकर कहा कि इंग्लैंड खेल को और अधिक समावेशी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन को इस सप्ताह के शुरू में लॉर्ड्स में अपने टेस्ट डेब्यू के दौरान फिर से सामने आए आपत्तिजनक पुराने ट्वीट्स पर निलंबित कर दिया गया था तो अब इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने मॉर्गन और जोस बटलर के पुराने ट्वीट्स की जांच शुरू कर दी है। यहां तक की ऑल-टाइम विकेट लेने वाले जेम्स एंडरसन भी सवालों के घेरे में आ गए थे।
ईसीबी ने जोर देकर कहा है कि इनमें से प्रत्येक मामले की जांच की जाएगी और यदि खिलाड़ी अतीत में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के लिए दोषी साबित होते हैं तो "प्रासंगिक और उचित कार्रवाई" की जाएगी।
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बर्मिंघम में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर रूट ने कहा, "पिछले एक हफ्ते में हमें कुछ बदसूरत सच्चाईयों का सामना करना पड़ा है और आगे बढ़ने में चुनौतियां होंगी।"
"खिलाड़ियों का समूह अब हमारे पास खेल को आगे बढ़ाने, इसे एक बेहतर जगह बनाने, इसे और अधिक समावेशी बनाने और खुद को आगे शिक्षित करने के लिए बहुत प्रतिबद्ध है। जो हुआ है उसका सामना करना होगा, लेकिन आखिरकार हम वास्तव में सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ना चाहते हैं।"
जो रूट ने इस बात पर भी जोर दिया कि ट्वीट में व्यक्त विचार वर्तमान में इंग्लैंड टीम के सदस्यों के पास नहीं हैं। ओली रॉबिन्सन दूसरे टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। इंग्लिश टीम कीवियों के खिलाफ आज से दूसरा टेस्ट खेलने उतर रही है। मनोबल न्यूजीलैंड का ही हावी है। यह मैच के बाद इंग्लैंड की टीम लंबा ब्रेक लेगी क्योंकि उनका अगला टेस्ट भारत के खिलाफ अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू होगा।