नई दिल्ली। इसमें कोई शक नहीं कि टेस्ट क्रिकेट ही किसी भी क्रिकेटर की 'असली' काबिलियत को परखता है। पांच दिन तक चलने वाला यह खेल क्रिकेट का सबसे मेहनत वाला और चुनौतीपूर्ण फार्मेट है। यहीं नहीं क्रिकेट में सभी आंकड़े एक तरफ और टेस्ट आंकड़े एक तरफ। यही कारण है कि आज टी-20 के दौर में भी युवा खिलाड़ियों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना एक सपना होता है। कोई भी खिलाड़ी किसी भी कीमत पर अपनी टीम के लिए टेस्ट जीतना चाहता है और कई बार इस टेस्ट में जब वह प्रदर्शन में फेल होता है तो 'दूसरे' तरीकों या कहें की हथकंडों का सहारा भी लेता देखा गया है।
इन चिर-परिचित हथकंडों में में से एक है स्लेजिंग। स्लेजिंग भी टेस्ट क्रिकेट में एक गैर आधिकारिक पंरपरा का हिस्सा सा बन चुकी है। लेकिन इसकी भी अपनी मर्यादा होती है और जब कोई खिलाड़ी इसकी सीमा लांघने का प्रयास करता है तो उसका वही हाल होता है जो आजकल विंडीज के तेज गेंदबाज शेनन गैब्रियल का हो रहा है। गैब्रियल ने वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच जारी तीसरे टेस्ट मैच में अंग्रेज कप्तान जो रूट पर अपना आपा तब खो दिया जब जो रूट एक बड़ी पारी की ओर बढ़ रहे थे। इंग्लैंड की टीम जब अपनी दूसरी पारी में विशाल लीड की ओर बढ़ती दिख रही थी, तो इस बीच गैब्रियल ने उन्हें 'होमोफोबिक' कहा।
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बता दें कि होमोफोबिक वे लोग होते हैं जो होमोसेक्सुअल्टी को गलत समझते हैं। हालांकि इस मैच में शतक जड़ने वाले रूट इससे ज्यादा विचलित नहीं हुए और उन्होंने तुरंत इस तेज गेंदबाज पर तंज कसते हुए कहा, 'इसे बेइज्जती के रूप में इस्तेमाल न करो। गे होने में कुछ भी गलत नहीं।' रूट की यह बात स्टंप माइक में रिकॉर्ड हो गई और बाद में सबने सुनी। हालांकि गैब्रियल ने रूट को होमोफोबिक कहा लेकिन वह स्टंप माइक में रिकॉर्ड नहीं हो पाया क्योंकि तब यह गेंदबाज स्टंप से दूरी बनाए हुए था। वैसे आपको बता दें कि रूट के इस जवाब की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है। होमोसेक्सुअल्टी के तरफदार लोग रूट के इस जवाब की प्रशंसा कर रहे हैं।