सीरीज गंवा चुकी भारतीय टीम के लिए यह मनोवैज्ञानिक जीत
टीम के 'अटपटे' चयन और बल्लेबाजों के औसत प्रदर्शन की वजह से पहले ही सीरीज गंवा चुकी भारतीय टीम के लिए यह मनोवैज्ञानिक जीत जरूरी थी। लगातार चार दिनों तक अलग तेवर में दिखने वाले और असमान बाउंस और रफ़्तार वाले इस पिच पर खिलाड़ियों का खड़े रहना मुश्किल था, रन बनाना तो बहुत दूर की बात थी। चेतेश्वर पुजारा की भाषा में अगर पहली पारी में बनाए 187 सामान्य पिच पर 300 के बराबर थे तो विराट की दोनों पारियों में अर्धशतक किसी शतक से कम नहीं थे। दूसरी पारी में आउट ऑफ फॉर्म अजिंक्य रहाणे का 68 गेंदों में 48 की काउंटर अटैकिंग पारी हो या फिर बुमराह और शमी के 'फाइफर' हों। टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर वो किया जो इस टीम को आगे बहुत फायदा देगी। भारत भले ही श्रृंखला भले 1-2 से हार गई हो लेकिन जोहांसबर्ग की धरती पर टेस्ट क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। इस मुकाबले में विराट की युवा ब्रिगेड (खासकर गेंदबाजों) ने वो कर दिखाया जो बहुत कम देखने को मिला है। जानिए उन तमाम रिकॉर्डों की कहानी जो इस मैच की हर एक गेंद और रन के साथ लिखे गए।
वांडरर्स मैदान पर टीम इंडिया का 'वंडर'
जोहांसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर टीम इंडिया ने आखिरी टेस्ट जीतकर एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। इस मैदान पर भारतीय टीम ने अब तक खेले कोई मैच नहीं हारे हैं। इस मैदान पर खेले गए अब तक कुल पांच मुकाबलों में भारत को 2 मैच में जीत मिली जबकि 3 मैच ड्रॉ हुए हैं। भारत को यहां खेले गए मैचों में 1992 में ड्रा, 1997 में ड्रा 2006 में जीत,2013 में ड्रा और 2018 में जीत मिली। विदेशी सरजमीं पर खेले गए सभी मुकाबलों में जार्जटाउन और गुयाना ही दो ऐसे मैदान हैं जहां टीम इंडिया ने खेले अपने सभी टेस्ट मैच ड्रा में खत्म किए हैं।
गेंदबाजों ने झटके सभी 120 विकेट
टीम इंडिया के कप्तान विराट ने इस श्रृंखला की सबसे बड़ी उलब्धि हर मैच में गेंदबाजों का 20 विकेट लेना बताया है। टेस्ट में अक्सर कहा भी जाता है कि अगर आपके गेंदबाज विपक्षी टीम के 20 विकेट नहीं ले सकते हैं तो आप टेस्ट भी नहीं जीत सकते हैं। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब तीन टेस्ट की किसी श्रृंखला के हर एक टेस्ट में सभी 40 विकेट का पतन हुआ। टीम इंडिया ने आखिरी टेस्ट में चार स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाजों के साथ विरोधी टीम के सभी 20 विकेट हासिल किए। यह भी अपने आप में पहला और अनोखा अवसर था जब टीम बिना किसी स्पिनर के उतरने के बावजूद विरोधी टीम के 20 विकेट लेने में सफल रही। इंग्लैंड और बांकी देशों के दौरे पर जाने से पहले यह टीम के तेज गेंदबाजों का मनोबल बढ़ाएगा। भारतीय गेंदबाजों ने मौजूदा श्रृंखला में एक नया इतिहास लिख दिया। विदेशी सरजमीं पर यह महज तीसरा मौका है जब तीन या उससे अधिक मैचों की श्रृंखला में गेंदबाजों ने सभी खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाया।1986 में भारत ने कुछ ऐसा ही कमाल कर 2-0 से श्रृंखला जीता था वहीं साल 2015 में श्रीलंका दौरे पर गई टीम ने 2-1 से मिली सीरीज जीत में यह कारनामा किया था।
कप्तान कोहली ने किया कमाल
वो दिन लद गए जब टीम इंडिया के कप्तान किसी विपक्षी खिलाड़ी की गाली सुनकर चुप हो जाते थे। कोहली बल्ले और जुबान दोनों से वोकल हैं। वो मैदान पर क्षेत्ररक्षण के दौरान उतने ही उतावले रहते हैं जितना बल्लेबाजी करते हुए हर एक रन जुटाने के लिए। वो गेंदबाजों की धुनाई भी करते हैं और विपक्षी टीम को जमकर सुनाते भी हैं। हाल में मुरली विजय से उनका एक ऐसा ही संवाद वायरल भी हुआ था। असमान उछाल और क्रिकेट विश्लेषकों की नजर में 'खतरनाक' दिखने वाली पिच पर पहली पारी में अर्धशतक और दूसरी पारी में भी शानदार 41 रनों की पारी खेली। इस शानदार पारी के साथ ही बतौर कप्तान वो टीम इंडिया के लिए सबसे अधिक टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी और सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। साल 2014-2018 के बीच उन्होंने 35 टेस्ट मैच में कप्तानी करते हुए कुल 57 पारियों में बतौर कप्तान 65.20 की औसत से 3456 रन बनाए हैं। उन्होंने अपनी इस मैराथन पारी में कुल 14 शतक और 6 अर्धशतक भी लगाए हैं। एक कप्तान के तौर पर उन्होंने टेस्ट में 243 रनों की भी शानदार पारी खेली है।
ताश के पत्तों की तरह बिखरी अफ्रीकी टीम
वांडरर्स की पिच को लेकर मचे बवाल के बाद तीसरे दिन डीन एल्गर की हेलमेट पर बुमराह के बाउंसर लगने के बाद मैच अचानक रोक दिया गया था। इस पिच पर शायद ही ऐसा कोई बल्लेबाज था जिसने रन बनाए और उसे शरीर में कहीं चोट न लगी हो। चौथे दिन हाशिम अमला और एल्गर ने दूसरे विकेट के लिए 119 रनों की शानदार साझेदारी की तो लगने लगा कि मैच भारत के हाथ से निकल चुका है लेकिन इशांत शर्मा ने अमला को पहले चोटिल किया फिर अपनी उछाल भरी गेंदबाजी में फंसाकर पवेलियन भेजा। दक्षिण अफ्रीका के आखिरी 7 विकेट महज 53 रन ही जोड़ पाए। अमला और एल्गर के बीच हुई शतकीय साझेदारी इस श्रृंखला की तीसरी शतकीय साझेदारी थी।
सेकेंड इनिंग के शेर हैं शमी
मोहम्मद शमी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरी पारी में 12.3 ओवर की गेंदबाजी में 28 रन देकर 5 सफलताएं अर्जित की। टेस्ट में यह उनका करियर बेस्ट प्रदर्शन है। इस श्रृंखला की पहली पारी में वो धारदार नहीं दिखे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अफ्रीकी गेंदबाजों को 'शेक इट लाइक शमी' की धुन पर खूब नचाया। उन्होंने इस श्रृंखला की पहली पारी में 50.33 के औसत से रन खर्च कर सिर्फ 3 सफलताएं हासिल की जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 8.75 के रन औसत से 12 विकेट चटकाए। हाल के दिनों में घुटने की सर्जरी से परेशान चल रहे मोहम्मद शमी के लिए यह शायद टीम इंडिया में एक शानदार वापसी की आधारशिला बन जाए.
विदेशी सरजमीं पर जीत में अव्वल है कोहली
पिछले चार सालों में कई घरेलू श्रृंखला खेलने वाले कप्तान कोहली के लिए दक्षिण अफ्रीकी दौरा किसी अग्निपरिक्षा से कम नहीं है। जोहांसबर्ग में मिली जीत के बाद उन्होंने 35 में से 21 टेस्ट मैचों में जीत हासिल कर ली है। विदेशी जमीन पर बतौर कप्तान यह उनकी 8वीं जीत है जबकि घरेलू मैदान पर उन्होंने 13 टेस्ट मैचों में जीत हासिल कर ली है। उन्होंने इस जीत के साथ ही सौरव गांगुली की बराबरी कर ली है जिनके नाम 49 टेस्ट मैच में 21 जीत दर्ज है। कोहली से आगे सिर्फ धोनी हैं जिन्होंने 60 टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कप्तानी की है और कुल 27 मैचों में जीत हासिल की है। उन्होंने 21 मैच भारतीय सरजमीं और 6 विदेशी धरती पर जीती है।