नई दिल्ली। आईपीएल के मौजूदा सीजन में विराट कोहली की टीम कुछ खास नहीं कर पा रही है। अभी तक अपने तीनों मुकाबलों में हार का मुंह देखने वाली बेंगलोर की टीम के कप्तान विराट भी कुछ खास नहीं कर सके हैं। हो सकता है विराट पर अभी विश्व कप जैसे टूर्नामेंट का असर छाया हुआ हो और वे केवल शरीर से आईपीएल का हिस्सा हों लेकिन मन-मस्तिष्क आगामी विश्व कप पर केंद्रित हो। खैर इन सवालों का जवाब अगले कुछ दिनों में मिल जाएगा जब रॉयल चैलेजर्स बेंगलोर की टीम को अपने कुछ अन्य लीग मैच खेलने का मौका मिलेगा।
इन सब उतार-चढ़ाव के बावजूद इसमें कोई शक नहीं कि विराट ही मौजूदा समय के सबसे अच्छे बल्लेबाज हैं। खासकर छोटे फार्मेट में उनकी बैटिंग काबिलियत का कोई सानी नहीं है। लेकिन इसी बीच कंगारू कोच जस्टिन लेंगर को एक और खिलाड़ी नजर आ रहा है जो ऑस्ट्रेलिया का ही है और कई दिनों से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है। हम यहां बात कर रहे हैं- ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल की। कोच लेंगर का मानना है अगर यह बल्लेबाज अपनी प्रतिभा के साथ इंसाफ कर सका तो कोई ऐसा कारण नहीं होगा कि मैक्सवेल भी कोहली जैसा प्रदर्शन कर सकें।
"Hundreds don't really matter too much to me" – @Gmaxi_32 after his match-winning 98 in the fourth ODI against Pakistan.#PAKvAUS REACTION 👇https://t.co/60vyFkuKLU pic.twitter.com/lW1eNVraiJ
— ICC (@ICC) March 30, 2019
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वैसे आपको बता दें मैक्सवेल में प्रतिभा भले ही कितनी हो लेकिन उनका अब तक वनडे औसत केवल 33 के करीब का है और वे निरंतरता के साथ प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। लेकिन हाल के समय में इस बल्लेबाज ने पहले की अपेक्षा कहीं बेहतर बैटिंग का मुजायरा पेश किया है। पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्होंने 71 और 98 रनों की पारियां खेली हैं। कोच लेंगर इन पारियों से प्रभावित होकर कहते हैं- मैक्सवेल अपने अभ्यास पर काफी जोर दे रहे हैं। वह खेल के हर क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार लेकर आए हैं।'
लेंगर ने आगे कहा, 'विराट कोहली जैसा अति असामान्य प्रतिभाशाली खिलाड़ी मैक्सवेल के सामने है जिसका औसत वनडे क्रिकेट में करीब 60 का है। इस समय मैक्सवेल ने 99 गेम खेले हैं और उनका औसत 32 या 33 का है। वह विराट कोहली बन सकते हैं। उनके पास इतनी प्रतिभा है। जिस तरह से उन्होंने टी20 मैचों में शानदार बल्लेबाजी की है उससे हमको पता है वह महान टी-20 खिलाड़ी हैं। उनकी अगली चुनौती वनडे क्रिकेट में महान बनना है और फिर टेस्ट क्रिकेट का भी मजबूत खिलाड़ी बनना है।'