नई दिल्लीः कुछ समय पहले तक अजिंक्य रहाणे केवल एक मध्यक्रम के टेस्ट बल्लेबाज थे लेकिन आज वे भारतीय क्रिकेट की एक प्रतिष्ठित हस्ती बन चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली के चले जाने के बाद रहाणे ने जिस तरह से टीम को संभाला है और लीडरशिप का आला नमूना पेश किया है वह काबिलेतारीफ है। कोहली जब गए तब भारत चार मैचों की सीरीज में 0-1 से पिछड़ रहा था और क्रिकेट पंडितों ने 0-4 से भारत की हार की भी बात कही थी।
लेकिन सीरीज का अंतिम परिणाम भारत के पक्ष में 2-1 रहा और यह सपनों सरीखी सीरीज गाबा में युवा भारतीयों के महानायक सरीखे प्रदर्शन के साथ समाप्त हो गई। यह क्रिकेट इतिहास की सबसे बेहतरीन टेस्ट सीरीज में से एक है और आधुनिक दौर की शायद सबसे महान टेस्ट सीरीज जीत है।
रहाणे भारत वापस लौट आए हैं और अपने घर मुंबई में चले गए हैं जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। वे अपनी पत्नी और बेटी से मिले और उनके स्वागत में मौजूद लोगों ने रहाणे के सम्मान समारोह में केक काटने का भी इंतजाम किया हुआ था।
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ये रहाणे के पड़ोसी लोग थे जिन्होंने केक के ऊपर कंगारू की शेप लगा रखी थी। लेकिन यहां रहाणे ने एक बार फिर अपनी शालीनता का परिचय दिया और केके काटने से विनम्रता से मना कर दिया।
Don't understand Marathi so don't know what's being said here but by the looks of it, Ajinkya Rahane refused to cut the "Kangaroo Cake". He is too good a person to do such stuff !❤️
— Anubhav Chatterjee (@anubhav__tweets) January 21, 2021
It would be great if Someone could tell what's being said here ! pic.twitter.com/zfg10ahEs9
रहाणे को लगा कि यह अपमानजनक होगा कि कंगारू को केक से काटा जाए। कंगारू यहां ऑस्ट्रेलिया का प्रतीक है।
रहाणे अब तक पांच बार टेस्ट क्रिकेट में भारत की कप्तानी कर चुके हैं और उनमें केवल एक ही मैच ड्रा हुआ है। यह सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में किया गया ऐतिहासिक ड्रा था जिसको हनुमा विहारी और आर अश्विन की बैटिंग ने किया था। रहाणे ने तीन वनडे मैचों में भी कप्तानी की है और भारत को 100 प्रतिशत रिकॉर्ड दिया है। कप्तान के तौर पर उनको केवल एक हार जिम्बॉब्वे में टी20 मुकाबले के दौरान मिली जो 2015 में खेला गया था।