नई दिल्ली। बीसीसीआई की ओर से सीओए ने कपिल देव की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को भारतीय टीम के मुख्य कोच को चुनने की जिम्मेदारी सौंपी हैं। इस समिति में कपिल के अलावा पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम कोच अंशुमान गायकवाड़ और महिला टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी की मुख्य भूमिका होगी। यह समिति अपना कामकाज आधिकारिक तौर पर संभाल पाती उससे पहले ही इसके खिलाफ शिकायत दर्ज हो गई है।
यह शिकायत बीसीसीआई के लोकपाल के पास दर्ज कराई गई है। मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोशिएशन के सदस्य संजीव गुप्ता ने लोकपाल के समक्ष शिकायत में साफ तौर पर कहा है कि यह समिति गैर संवैधानिक है क्योंकि इसके तीनों सदस्यों पर हितों के टकराव का मामला बनता है।
गुप्ता ने अपनी शिकायत में कुछ तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करते हुए लिखा है कि 26(2)A(ii) के अनुसार केवल बीबीआई के एजीएम को ही सीएसी गठित करने का अधिकार है। ऐसे में सीओए ने यह नियुक्ति किस आधार पर की है? उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह का केस वी रमन के रूप में पहले से लंबित पड़ा है। रमन को भी सीएसी ने ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम को हेड कोच नियुक्त किया था।
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गुप्ता ने साथ ही हितों के टकराव का मामला मुख्य चर्चा बिंदु के तौर पर उठाया। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के नियम 38(4) में यह स्पष्ट किया गया है कि एक व्यक्ति एक समय में एक ही पद संभालेगा। जबकि कपिल देव और शांथा रंगास्वामी भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन के निदेशक हैं जबकि अंशुमान गायकवाड़ बीसीसीआई मेंबर एफिलिएशन कमेटी के सदस्य हैं।
बता दें कि कोच पद के लिए आवेदन देने की अंतिम तारीख 30 जुलाई तय की गई है। जब सीओए प्रमुख विनोद राय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सीएसी एड-हॉक संस्था नहीं है बल्कि कानूनी तौर पर की गई नियुक्ति है जिसको टीम के अगले हेड कोच को चुनने की जिम्मेदारी दी गई है।