तीन मैचों की सीरीज बेहतर होती
कपिल देव ने कहा कि अगर विजेता का फैसला सिर्फ एक मैच के बजाए सीरीज के जरिए होता तो बेहतर होता। निसंदेह आज के समय में यह इसकी तैयारी करना बड़ी चुनौती नहीं है। एक से अधिक मैच खेले जाने से इंग्लैंड के हालात को समझने का और मौका मिलता लेकिन यह कोई बहाना नहीं हो सकता है। रोस बाउल की जगह लॉर्डर्स बेहतर विकल्प हो सकता था, जहां का इतिहास इतना महान है। यहां तक कि मैनचेस्टर का मैदान भी बेहतर विकल्प होता, लेकिन लॉर्डर्स में जीत का जश्न कुछ अलग ही होता।
टेस्ट चैंपियनशिप को बढ़ावा देना चाहिए
गौर करने वाली बात है कि पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला लॉर्ड्स में ही खेला जाना था, लेकिन कोरोना के चलते साउथैंपटन को एक बेहतर सुरक्षित विकल्प के तौर पर चुनना गया क्योंकि यहां होटल मैदान का हिस्सा हैं। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर कपिल देव ने कहा कि यह एक अच्छी सोच है, आईसीसी को इस चैंपियनशिप को और भी लोकप्रिय बनाना चाहिए। लोगों के लिए अच्छी क्रिकेट उपलब्ध होगी, मुझे लगता है कि तीन टेस्ट मैचों की सीरीज एक बेहतर विकल्प होती।
क्या होनी चाहिए भारत की रणनीति
बता दें कि 1986 में जब भारतीय टीम ने इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराया था तो कपिल देव उस टीम के कप्तान थे। इंग्लैंड के इस दौरे पर भारत का रवैया और सोच कैसी रहनी चाहिए इसपर कपिल देव ने कहा कि भारत को एक-एक सेशनल के अनुसार अपनी रणनीति बनानी चाहिए। टेस्ट क्रिकेट में सेशन की महत्ता होती है। हर सेशन मौसम के लिहाज से अलग हो सकता है। लिहाजा आपको इस माहौल के अनुसार बेहतर होने के साथ आपकी तकनीक भी इंग्लैंड में खेलने के लिए अच्छी होनी चाहिए।
बल्लेबाजी अहम भूमिका निभाएगी
कपिल देव का मानना है कि टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी अहम भूमिका निभाएगी। कपिल देव ने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा हूं कि गेंदबाज अच्छे नहीं हैं, लेकिन आपके पास संतुलन होना चाहिए। भारत की बल्लेबाजी बेहतर लगती है। जिस तरह से वह वहां की स्थिति का सामना करते हैं वह अहम होगा। मेरे लिए भारत की बैटिंग अहम भूमिका निभाएगी। गेंदबाज को मजबूत योगदान देना होगा, लेकिन बल्लेबाजों की गुणवत्ता ही इस फाइनल मुकाबले में अहम साबित होगी। बता दें कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के बाद भारत की टीम इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी।