नई दिल्ली: क्रिकेट सलाहकार समिति यानी सीएसी में इस समय सब कुछ सही नहीं चल रहा है। कुछ ही दिनों पहले हितों के टकराव के मामले पर इस समिति के सदस्यों को बीसीसीआई के लोकपाल ने नोटिस थमाया था। टीम इंडिया के नए हेड कोच रवि शास्त्री को चुनने वाली सीएससी को बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी डीके जैन ने नोटिस भेजा था, जिसके बाद समिति की एकमात्र महिला सदस्य शांता रंगास्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन निदेशक पद भी छोड़ दिया था।
रंगास्वामी के बाद इस समिति के अध्यक्ष कपिल देव ने अब अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। तीन सदस्य इस समिति के तीसरी सदस्य अंशुमान गायकवाड़ हैं। कपिल ने इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया है लेकिन उन्होंने प्रशासकों की समिति (सीओए) और बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी को इस बारे में इस्तीफा लिखकर अवगत कर दिया है।
BCCI के नैतिक अधिकारी से नोटिस मिलते ही कपिल देव की समिति से अहम सदस्य ने छोड़ा पद
कपिल ने इस मेल में लिखा है- 'ये मेरे लिए खुशी की बात है कि मैं विशेष तौर पर भारतीय पुरुष टीम के हेड को चुनने के लिए एड-हॉक सीएसी का हिस्सा बना। मैं अब इस समिति से तुरंत प्रभाव से अपना इस्तीफा देता हूं। '
बता दें कि सीएसी को उनके खिलाफ हितों के टकराव के आरोप पर 10 अक्टूबर तक जवाब देना होगा। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने इन तीनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस समिति ने अगस्त में रवि शास्त्री को मुख्य कोच चुना था। बीसीसीआई संविधान के अनुसार सीएसी का कोई भी सदस्य क्रिकेट में कोई अन्य भूमिका नहीं निभा सकता है।
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गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि सीएसी सदस्य एक साथ कई भूमिकाएं निभा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि 1983 की विश्व चैंपियन टीम के कप्तान कपिल सीएसी के अलावा कॉमेंटेटर, एक फ्लडलाइट कंपनी के मालिक और भारतीय क्रिकेटर्स संघ के सदस्य हैं। इसी तरह से गुप्ता ने आरोप लगाया कि गायकवाड़ का भी हितों का टकराव बनता है, क्योंकि वह एक अकादमी के मालिक हैं और बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त समिति के सदस्य हैं। उनके अनुसार पूर्व भारतीय महिला कप्तान रंगास्वामी सीएसी के अलावा आईसीए में भी हैं।