नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना वायरस के बीच भारतीय खिलाड़ियों को मैदान पर मिस करने वाले फैन्स के लिये इंडियन प्रीमियर लीग का 13वां सीजन किसी बड़े तोहफे से कम नहीं था जिसमें फैन्स को न सिर्फ अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की वापसी देखने को मिली बल्कि क्रिकेट का रोमांच भी अपने चरम पर देखने को मिला। इस बीच भारतीय टीम को वनडे क्रिकेट का पहला विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव ने हिन्दुस्तान टाइम्स के लीडरशिप समिट 2020 में बात करते हुए बताया कि इस महामारी के बीच आईपीएल को आयोजित कराने से क्या फायदा हुआ है।
कपिल देव का मानना है कि कोरोना काल में अगर कोई चीज बढ़िया हुई है तो वो है इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन का आयोजन होना। इसके आयोजन से सबसे बढ़िया बात यह रही कि क्रिकेट इस महामारी के प्रकोप से निकल कर धीरे-धीरे सामान्य स्तर की ओर पहुंच रहा है।
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उन्होंने कहा,' कोरोना के बीच आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन होना हमारे लिये सबसे खास रहा। इससे हमारे युवा खिलाड़ियों को काफी फायदा हुआ है। दुनिया को भारतीय टैलेंट को देखने का मौका मिला है।'
इसके साथ ही कपिल देव ने बीसीसीआई को सिर्फ टी20 क्रिकेट पर ध्यान देने की आलोचना करते हुए कहा कि हमें परंपरागत क्रिकेट को नहीं भूलना चाहिये और टेस्ट क्रिकेट में लय बरकरार रखनी चाहिये। टेस्ट क्रिकेट खेलना सबसे खास कला है।
वहीं पूर्व भारतीय कप्तान ने बायो बबल में रहने को लेकर भी बात की और कहा कि खिलाड़ियों के लिये इस माहौल में रहना आसान काम नहीं है। बायो बबल में रहने वाले सभी खिलाड़ियों में करीब 8-10 खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिन्हें एक भी मैच खेल पाने का मौका नहीं मिल पाता है और वो पूरा वक्त बायो बबल में गुजारते हैं लेकिन जब वो इससे बाहर आते हैं तो उनके लिये सामान्य जीवन जी पाना मुश्किल होता है।
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते भारतीय खिलाड़ी करीब 6 महीने बाद आईपीएल में मैदान पर उतरे थे जिसको लेकर कपिल देव ने सभी खिलाड़ियों का धन्यवाद किया और कहा कि कोरोना के बावजूद खिलाड़ियों ने जिस तरह से अपना बेस्ट दिया वो तारीफ के हकदार हैं।
कपिल देव ने कहा कि आईपीएल में कुछ खिलाड़ी प्रदर्शन कर पाने में असफल जरूर रहे लेकिन हमें उनके भी जज्बे को सलाम करना चाहिये।