नई दिल्ली। हाल ही में तमिलनाडु प्रीमियर लीग और कर्नाटक प्रीमियर लीग में सट्टेबाजी और फिक्सिंग की खबरें सामने आने के बाद सेंट्रल क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने मैच फिक्सिंग के आरोप में कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) में भाग लेने वाले एक बल्लेबाज और गेंदबाजी कोच को गिरफ्तार किया है। केपीएल फ्रेंचाइजी ब्रेंगलुरु ब्लास्टर्स के बॉलिंग कोच विनू प्रसाद और बल्लेबाज विश्वनाथ को मैच फिक्सिंग के आरोप में सीसीबी ने गिरफ्तार किया। कोच पर आरोप है कि उसने सट्टेबाजों के साथ मिलकर बेंगलुरु ब्लास्टर्स और बेलागवि पैंथर्स के बीच खेले गये मैच को कथित रूप से फिक्स किया था।
इस गिरफ्तारी के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल ने कहा, 'केंद्रीय अपराध शाखा (बेंगलुरु) ने मैच फिक्सिंग के एक और मामले का उजागार किया। सीसीबी ने केपीएल की एक टीम के गेंदबाजी कोच और बल्लेबाज को सट्टेबाजों के साथ मिलकर मैच फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। बल्लेबाज ने बड़ी रकम के एवज में धीमी बल्लेबाजी की। मामले की जांच जारी है।'
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सीसीबी ने इससे पहले पैंथर्स के मालिक अली अश्फाक को अक्टूबर के पहले सप्ताह में गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस ने सट्टेबाज बाफना को गिरफ्तार किया जबकि एक अन्य सट्टेबाज सय्याम फरार है।
इससे पहले तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रही जांच समिति ने टी-20 लीग को क्लीन चिट दी थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई (एसीयू) ने टीएनपीएल पर लगे आरोपों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
इसके बाद टीएनपीएल की गवर्निग काउंसिल ने एक बयान जारी कर कहा था कि टीएनसीए की इस तरह की गतिविधियों के संबंध में जीरो टॉलरेंस नीति है और अगर कोई इस व्यक्ति इस तरह की गतिविधि में पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि समिति ने जो रिपोर्ट दी है, उसे हमने पढ़ा है। हमने रिपोर्ट स्वीकार करने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया है कि टीएनपीएल में किसी तरह की फिक्सिंग की घटना नहीं हुई।