नहीं दे पाए धोनी से जुड़े सवाल का जवाब
दोनों ने शो के दाैरान भारतीय ड्रेसिंग रूम की कुछ अनसुनी कहानियों को साझा किया। बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली, जो एक टीवी शो होस्ट करते हैं, कुछ समय के लिए केबीसी 13 के होस्ट बने और अमिताभ बच्चन से कुछ सवाल पूछे। भारत के पूर्व कप्तान और उप-कप्तान ने पहले 7 सवालों के जवाब देते समय किसी भी लाइफ लाइन का इस्तेमाल नहीं किया। इसके बाद उन्हें मदद की जरूरत तब पड़ी जब तक उन्होंने 25 लाख रुपए की राशि जीती। इसके लिए उन्होंने लाइफ लाइन एक्सपर्ट की राय थी। सवाल पूर्व क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा था। सवाल था कि ट्रेविस डाउलिन का विकेट, किस पूर्व भारतीय कप्तान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय विकेट है? जवाब देते समय दोनों दुविधा में थे और अंत में लाइफ लाइन एक्सपर्ट की राय लेते हुए रकम जीती।
सही उत्तर ट्रैविस डाउनलिन था, जिसे धोनी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2009 में आउट किया था। जबकि गांगुली तब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे, सहवाग चोट के कारण आईसीसी टूर्नामेंट से चूक गए थे।
50 लाख रुपए के सवाल का नहीं दे पाए जवाब
25 लाख जीत लेने के बाद अब बारी थी 50 लाख के सवाल की। अमिताभ ने सवाल किया, लेकिन सहवाग-गांगुली जवाब नहीं दे पाए। फिर हुर्टर बजा और मुकाबला यहीं रोक दिया गया। इसी के साथ दोनों ने 25 लाख की रकम जीती। दोनों जिस सवाल का जवाब नहीं दे पाए वो सवाल था- आजाद हिंद रेडियो एक रेडियो सेवा थी जिसे पहली बार 1942 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में किस देश में शुरू किया गया था? इसके लिए गांगुली और सहवाग को चार विकल्प दिए गए थे- जापान, जर्मनी, सिंगापुर और बर्मा और सही उत्तर था जर्मनी। हालांकि, दोनों ही खिलाड़ी इस सवाल का जवाब देने में विफल रहें।
सहवाग ने बताई दिलचस्प बात
इस दाैरान सहवाग ने अमिताभ को एक दिलचस्प बात भी बताई। सहवाग ने अमिताभ को यह भी बताया कि कैसे गांगुली मैच के दौरान हमेशा उन पर निर्भर रहते थे। सहवाग ने कहा, "मुसीबत में ना, मैं ही काम आता था इनके। फाइनल में रन बनाना हो, तेज रन बनाना हो, कोई ओपनर ना मिला हो तो वीरेंद्र से ओपनिंग करालो, कोई बॉलर ना हो तो बॉलिंग करालो, काम मैं ही आया हूं। हमेशा मैं जो जरूरत के समय इनके बचाव में आया। क्या फाइनल में रन बनाना है, तेजी से रन बनाना है, ओपनिंग के लिए जब उन्हें कोई नहीं मिला, जब उन्हें कोई गेंदबाज नहीं मिला तो गेंदबाजी करने के लिए। यह हमेशा मैं ही था जिसने उनकी मदद की।"