किरन मोरे ने सलीम मलिक को उकसाया-
इस घटना को याद करते हुए मोरे ने कहा कि उन्होंने मलिक को शब्दों से छेड़ने की कोशिश की जिसके बाद में उन्हें धमकी मिली। मोरे ने बताया उन्होंने अंग्रेजी की जगह अपनी स्थानायी भाषा का इस्तेमाल करते हुए मलिक को उकसाया था। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उन समय के दौरान माइक्रोफोन का होना खेल को और अधिक मजेदार बना देता।
पंजाबी में मलिक को स्लेज किया, वह भड़क गए-
"जब भी भारत-पाकिस्तान सीरीज होती है, स्लेजिंग होती है। पाकिस्तान में जब हम 1989 में गए थे, मैंने कराची टेस्ट में सलीम मलिक को स्लेज था और वह मुझे बल्ले से मारने को उतारू थे। मैंने उनसे पंजाबी में बहुत बुरा शब्द कहा क्योंकि हम आम भाषा बोलते हैं।
"वास्तव में, यह बहुत मजेदार है और मैं चाहता हूं कि तब माइक्रोफोन होते क्योंकि यह सभी के लिए मजेदार होता," उन्होंने ग्रेटेस्ट राइवलरी पॉडकास्ट पर कहा। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 96 ओवर खेलने के बाद केवल तीन विकेट गंवाकर टेस्ट ड्रा किया।
जावेंद मियांदाद के 100वें टेस्ट का भी एक किस्सा-
मलिक ने पहली पारी में 36 रन बनाए और दूसरे में नाबाद 102 रन बनाए। मोरे ने पहली पारी में 58 रन बनाए और दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने के लिए मौका नहीं मिला। मोरे ने जावेद मियांदाद के लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में 100वें टेस्ट मैच से भी एक घटना का जिक्र किया।
100वें टेस्ट में कहकर शतक बनाया मियांदाद ने-
जावेद लाहौर में अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे थे। वह बल्लेबाजी करने आए और मनिंदर सिंह गेंदबाजी कर रहे थे। तीसरा या चौथा ओवर था जब वह पगबाधा आउट लग रहे थे। यह मनिंदर की एक खूबसूरत आर्म बॉल थी।
उसने मुझसे कहा ‘आप क्यों अपील कर रहे हैं। यह मेरा 100 वां टेस्ट मैच है, मैं शतक बनाने जा रहा हूं और घर जा रहा हूं। मैच ड्रा रहा, लेकिन मियांदाद ने 289 गेंदों में 10 चौकों की मदद से 145 रन बनाए।