बैन ने बदली सोच, करने लगा अच्छा प्रदर्शन
केएल राहुल ने इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए बताया कि कैसे उन पर लगे बैन के चलते उनकी सोच बदल गई और उसी के चलते वह अच्छा खेलने लगे। इस दौरान उन्होंने सेल्फिश होकर खेलने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने 2019 के बाद अलग तरह से सोचना शुरू किया और मेरे अच्छे प्रदर्शन का काफी श्रेय इसी को जाता है। उस निलंबन और जो कुछ हुआ तो तब मैं स्वार्थी होना चाहता था और खुद के लिये खेलना चाहता था लेकिन मैं नाकाम रहा. इसलिए मैंने खुद से कहा कि मुझे वह सब करना चाहिए जो टीम मुझसे चाहती है।'
बैन ने सही दिशा में काम करने की राह दिखाई
इस बारे में बात करते हुए केएल राहुल ने कहा कि बैन के बाद उन्हें अहसास हुआ कि एक क्रिकेटर का करियर कितना छोटा होता है और ऐसे में उन्हें अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगानी चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि हमारा करियर बहुत लंबा नहीं होता है और 2019 के बाद मुझे अहसास हुआ कि मेर पास अभी 12 या 11 साल बचे हुए हैं और मुझे अपना सारा समय और ऊर्जा एक अच्छा खिलाड़ी और ‘टीम मैन' बनने पर लगानी चाहिए।'
सोच में बदलाव से मिली करियर में मदद
केएल राहुल ने बताया कि जैसे ही उन्होंने अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना शुरु किया उसका असर उनके करियर पर भी दिखने लगा।उन्होंने सीमित ओवरों की क्रिकेट में न सिर्फ ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपिंग का जिम्मा संभाला बल्कि वनडे मैच की 5 पारियों में 75.75 की औसत और 144.77 की औसत से 303 रन भी बनाये। टी20 अंतर्राष्ट्रीय में पारी का आगाज करते हुए उन्होंने 56.00 की औसत और 144.51 के स्ट्राइक रेट से 224 रन बनाये।
राहुल ने कहा, ‘सोच में बदलाव में से वास्तव में मदद मिली और जब मैंने टीम के लिये अच्छा करने, एक चैंपियन टीम का हिस्सा बनने और मैच में अपने खेल से बदलाव लाने के बारे में सोचना शुरू किया तो इससे काफी दबाव भी हट गया।'
रोहित शर्मा ने की थी काफी मदद
केएल राहुल ने बताया कि बैन के बाद जब उन्होंने वापसी की तो रोहित शर्मा ने उन्हें काफी सहयोग मिला और वह खुद उनके बड़े फैन हैं।
उन्होंने कहा, ‘रोहित की बातों से हैरान था (कि टी20 अंतरराष्ट्रीय में सलामी बल्लेबाज के लिये के एल राहुल पहली पसंद है और इसके बाद उनमें या शिखर धवन में से किसी का चयन करना चाहिए)। मैं उनकी बल्लेबाजी का बड़ा प्रशंसक रहा है और मैं पिछले कुछ वर्षों से उनके साथ खेल रहा हूं।'