मैथ में आते थे इतने नंबर
कोहली ने बताया कि स्कूल के दिनों में मैथ ने उनकी बहुत मुश्किलें बढ़ाई हैं। कोहली का कहना है कि इतनी मेहनत तो क्रिकेट के लिए भी नहीं की जितनी 10वीं कक्षा में मैथ में पास होने के लिए की थी। अमेरिकी पत्रकार ग्राहम बेनसिंगर के शो में कोहली ने कहा, 'मैथ में हमारे यहां अधिकतम 100 नंबर आ सकते थे। मेरे तीन नंबर आते थे। मैं मैथ में इतना अच्छा था। मुझे समझ नहीं आता था कि कोई आखिर मैथ पढ़ना ही क्यों चाहता है। मुझे इसकी मुश्किलें समझ में नहीं आती थी, मैंने उन फॉर्मूलों को जीवन में कभी इस्तेमाल नहीं किया।'
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खेल आता था समझ
कोहली ने कहा, 'मैंने कभी खुद को गणित के साथ जोड़ नहीं पाया। मुझे खेल समझ आता था और वही मेरे काम आया।' कोहली ने कहा कि वह सिर्फ किसी तरह 10वीं क्लास में पास होना चाहते थे। कोहली ने कहा कि वह जानते थे कि 10वीं के बाद आप अपनी पसंद के विषय चुन सकते हैं। कोहली ने मजाक में कहा कि इसके बाद उन्होंने क्रिकेट में इतनी मेहनत की ताकि उन्हें दोबारा एग्जाम ने देना पड़े।
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2012 में दिया फिटनेस की ओर ध्यान
इससे पहले कोहली ने बेनसिंगर को बताया कि कैसे फिटनेस उनकी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई। कोहली ने कहा, 'जब हम 2012 में ऑस्ट्रेलिया से वापस आए थे तो मैंने हममें और ऑस्ट्रेलिया के बीच काफी अंतर महसूस किया था। मैंने समझा कि अगर हम अपने खेलने, ट्रेनिंग करने और खाने के तरीके में बदलाव नहीं करते हैं तो हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों से नहीं लड़ सकते। मैं खुद को बेस्ट बनाना चाहता था इसलिए उसी हिसाब से मेरे रवैये में भी बदलाव होता चला गया।'