7 टीमों के खिलाफ नोटिस जारी
जॉइंट कमिश्नर क्राइम संदीप पाटिल ने कहा कि जांच में कुछ और टीम के मालिकों और कोचों के बारे में खुलासा हुआ है, इसीलिए कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन और कर्नाटक प्रीमियर लीग की सभी टीमों को नोटिस भेजा गया है। पाटिल ने कहा, 'चूंकि जांच में कुछ टीम मालिकों और कोचों की भूमिका का पता चला है, इसलिए KSCA और सभी केपीएल टीम प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में 18 बिंदु हैं, जिनका उन्हें जवाब देना होगा।' 2019 सीजन में केपीएल में भाग लेने वाली सभी 7 टीमों को नोटिस जारी किया गया है।
खिताबी मुकाबले में हुए थी फिक्सिंग
इससे पहले पुलिस ने केपीएल टीम बेल्लारी के कप्तान सी गौतम और अबरार काजी को हिरासत में लिया था। दोनों खिलाड़ियों पर केपीएल के इस सीजन के खिताबी मुकाबले के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप है। केपीएल का खिताबी मुकाबला बेल्लारी और हुबली के बीच खेला गया था। गौतम का नाम फिक्सिंग में आने से क्रिकेट जगत को बड़ा झटका लगा था, क्योंकि गाैतम आईपीएल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, दिल्ली डेयरडेविल्स और मुंबई इंडियंस का भी हिस्सा रह चुके हैं। वहीं अबरार रणजी ट्रॉफी प्लेयर हैं।
कई खिलाड़ियों के दर्ज हुए बयान
पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान कई और खिलाड़ियों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। उन्हें सहयोग देने के लिए कहा गया है। साथ भी यह भी कहा गया है कि बुलाने पर उन्हें आना होगा। इन दो खिलाड़ियों से पहले निशांत सिंह शेखावत को पुलिस ने केपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले से जुड़े होने के कारण गिरफ्तार किया था। शेखावत पर पिछले सीजन में बैंगलोर और बेलगावी टीम के बीच खेले गए मुकाबले में फिक्सिंग का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने धीमी बल्लेबाजी के लिए पांच लाख रुपए लिए थे। जांच के दौरान पुलिस बालेगावी पैंथर्स के मालिक अली, बेंगलुरु ब्लास्टर्स के गेंदबाजी कोच वीनू प्रसाद और बल्लेबाज विश्वनाथन को भी गिरफ्तार कर चुकी है।