पुलिस ने केपीएल से जुड़ी चीजों की मांगी जानकारी
इस दौरान बेंगलुरू पुलिस ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ को नोटिस भेज कर इस लीग के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी मांगी है।
कोषाध्यक्ष विनय ने कहा, 'पुलिस ने हमसे टूर्नामेंट से संबंधित कई तरह की जानकारी मांगी है। लीग में भाग लेने वाली टीमों, मैच के दौरान स्कोरकार्ड, खिलाड़ियों की प्रोफाइल, फोन नंबर और सभी मैचों से जुड़ी वीडियो फुटेज आदि मांगी गई है।'
बीसीसीआई और केएससीए को नहीं थी भनक
कोषाध्यक्ष ने कहा कि राज्य क्रिकेट संघ और बीसीसीआई दोनों को ही इस बात की जानकारी नहीं थी कि केपीएल से जुड़े खिलाड़ियों को कहीं से भी सट्टेबाजी, हनीट्रैप, बुकी की ओर से विदेश यात्राएं या स्पॉट फिक्सिंग जैसी चीजों में फंसाया जा रहा है।
ऐसे भी आरोप थे कि इस लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों को मैच फीस की तुलना में स्पॉट फिक्सिंग से ज्यादा पैसे मिल रहे थे।
इन आरोपों पर विनय ने कहा, "हमें इस बात को देखना होगा, इस संबंध में हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।"
हनी ट्रैप में फंसाने वाली चीयरलीडर्स का बोर्ड से नहीं है कोई कनेक्शन
जांच के दौरान ऐसा भी मामला सामने निकलकर आया है कि सट्टेबाजों और मैच फिक्सरों ने चीयरलीडर्स के साथ मिलकर हनीट्रैप किया और खिलाड़ियों को फंसाकर उनके निजी पल रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल किया। स्थानीय मीडिया के अनुसार पुलिस आयुक्त ने इस बात की पुष्टि की है। वहीं कोषाध्यक्ष विनय के अनुसार चियरलीडर्स की ओर से हनीट्रैप करने के संदेह के घेरे में आई गर्ल्स का केएससीए से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि केएससीए में चियरलीडर्स टीम की ओर से नियुक्त की जाती हैं, इसका हमसे कोई लेना देना नहीं। हम इस बारे में कुछ नहीं बता सकते। पुलिस जानती होगी तो वह जानकारी देगी।
वहीं केपीएल में सट्टेबाजी के मामले की जांच कर रहे सेंट्रल क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त संदीप पाटिल ने हनीट्रैप मामले में किसी चीयर गर्ल की पहचान की पुष्टि करने से इनकार कर दिया।
पाटिल ने जांच प्रभावित होने की बात कहकर जानकारी देने से इंकार कर दिया और कहा कि मैं इस समय आपको कुछ नहीं बता सकता। एक बार जब चीजें साफ हो जाएंगी तो मैं आपको बता दूंगा।