नई दिल्ली, 23 जून : अनिल कुंबले द्वारा भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा देने बाद एक के बाद एक पहलू सामने आ रहा है। दरअसल कुंबले ने कॉनट्रैक्ट के पुनर्गठन को लेकर बीसीसीआई को जो 19 पन्ने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव में कुंबले ने वेतन को लेकर सबसे अधिक तरजीह दी थी। उन्होंने मांग की थी कि मुख्य कोच की कमाई कप्तान की अनुमानित कमाई का 60 प्रतिशत होनी चाहिए।
इसके अलावा कुंबले ने अपने दस्तावेजों में राष्ट्रीय कोच द्वारा आईपीएल से कमाई का भी समर्थन किया था। हालांकि हितों के टकराव को लेकर कुंबले ने अपने दस्तावेजों में कोई जिक्र नहीं किया था। कुंबले ने ये भी सुझााव दिया था कि खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध का 20 प्रतिशत हिस्सा वैरिएबल पे होना चाहिए जो उनके फिटनेस स्तर पर आधारित हो।
सहयोगियों के वेतन में इजाफे का भी था प्रस्ताव
कुंबले ने आईपीएल के फाइनल वाले दिन (21 मई) बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) को ये दस्तावेज सौंपे थे। इन दस्तावेजों की प्रति अब समाचार ऐजेंसी पीटीआई के पास है। 'भारतीय क्रिकेट टीम के कर्मचारियों का वेतन और अनुबंध का पुनर्गठन' शीर्षक वाले इस दस्तावेज के 12वें पन्ने में कुंबले ने सहायक स्टाफ के वेतन में इजाफे का प्रस्ताव दिया है। 10वें प्वाइंट में कुंबले ने द सजेस्टेड चेंज: एनेबलर्स के अंतर्गत कुंबले ने चार कालम का चार्ट दिया है। आपको बता दें कि पूर्व कोच ने एनेबलर्स शब्द का इस्तेमाल सहयोगी स्टाफ के लिए किया है।
कोच के मौजूदा वेतन को बढ़ाने का प्रस्ताव
इसमें कुंबले ने साढ़े छह करोड़ के मौजूदा वेतन को बढ़ाकर साढ़े सात करोड़ रूपये करने का सुझााव दिया है। इसमें एक कॉलम टिप्पणी का भी है। कुंबले ने इस संदर्भ में टिप्पणी कालम में लिखा है: कप्तान की अनुमानित आय का 60 प्रतिशत। टीम के प्रदर्शन के आधार पर अपने वेतन का 30 प्रतिशत वैरिएबल बोनस का पात्र।
जब कोहली की कमाई बढ़ेगी तो कोच को होगा फायदा
कुंबले का यह प्रस्ताव इस बात का संकेत था कि जब भी कप्तान (कोहली) को बीसीसीआई से अधिक कमाई होगी तब अनुपात के आधार पर उनका (कोच या कुंबले) वेतन भी बढ़ेगा। चार्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि संजय बांगर का वेतन वर्तमान 1 करोड़ से बढ़ाकर 2.25 करोड़ रुपये हो जाएगा जबकि आर श्रीधर को 1 जून, 2016 से "पूर्वव्यापी प्रभाव" के साथ मौजूदा 1 करोड़ रुपये की बजाय 1.75 करोड़ रुपये मिलना चाहिए।
हितों के टकराव पर खामोश रहे कुंबले
हालांकि इन सबसे अलावा बीसीसीआई को अगर कोई बात ध्यानाकर्षित करती है तो वह है राष्ट्रीय कोच की आईपीएल से कमाई। इसी का हवाला देते हुए सीओए के पूर्व सदस्य रामचंद्र गुहा ने इस्तीफा देते हुए लिखा था कि आईपीएल से कमाई कर कोच हितों का टकराव कर रहे हैं। लोगों का मानना था कि गुहा का इशारा पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ की तरफ था। क्योंकि द्रविड़ भारत ए, अंडर-19 के कोच होने के बावजूद आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच भी हैं।
आईपीएल के दौरान खिलाड़ियों को अनुबंध से दूर रखा जाए
हालांकि कुंबले ने अपने दस्तावेज के पेज नंबर 11 के 9वें प्वाइंट में लिखा है- "गाइडलाइन फॉर इनैबलर्स" 'खिलाड़ियों को आईपीएल के दो महीनों के दौरान अनुबंध से दूर रखा जाना चाहिए।' इसी तरह कोच को भी आईपीएल के समय अनुबंध से दूर रखना चाहिए। इससे कोच को टी20 मैच का अधिक से अधिक अनुभव हासिल करने का मौका मिलेगा।