नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में गुरुवार को किंग्स इलेवन पंजाब और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीमों के बीच लीग का छठा मैच खेला गया जिसमें पंजाब की टीम ने पूरे मैच में अपना दबदबा बनाते हुए आरसीबी की टीम को 97 रनों से रौंदने का काम किया। इसके साथ ही पंजाब की टीम ने इस सीजन का अपना पहला मैच जीतकर प्वाइंटस टेबल पर पहले स्थान पर जगह बना ली। वहीं इस मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ी मैदान पर अपनी बाजू पर काली पट्टी बांधकर खेलते हुए नजर आये।
जिसके बाद फैन्स के मन में लगातार सवाल उठ रहा था कि आखिरकार खिलाड़ियों ने अपनी बांह पर काली पट्टी क्यों बाधी है। उल्लेखनीय है कि काले रंग को विरोध और शोक का प्रतीक माना जाता है और खेल के मैदान पर कई बार देखा गया है जब खिलाड़ियों ने अपने हाथ या सिर पर काली पट्टी बांधकर किसी चीज के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया है।
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हालांकि गुरुवार को खेले गये मैच के दौरान खिलाड़ी अपना विरोध नहीं बल्कि शोक जता रहे थे। दरअसल मैच से कुछ देर पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर और दिग्गज कॉमेंटेटर डीन जोन्स का मुंबई में दिल का दौरान पड़ने से निधन हो गया था। वह आईपीएल की इंग्लिश कमेंट्री पैनल का हिस्सा भी थे। उनके सम्मान में दोनों टीमों के खिलाड़ी अपनी बाजू पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर खेलने उतरे।
गौरतलब है कि 59 वर्षीय डीन जोन्स की मौत की खबर सुनकर पूरा क्रिकेट सन्न रह गया, वहीं आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने उनके सम्मान में खिलाड़ियों को हाथ में काली पट्टी बांधकर खेलने की इजाजत दी।
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आपको बता दें कि डीन जोन्स कमेंट्री पैनल के बाकी सदस्यों के साथ वो मुंबई के एक 5 सितारा होटल में जैविक सुरक्षित माहौल में वक्त बिता रहे थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिये 1984 से 1994 के बीच 52 टेस्ट और 164 वनडे मैचों में शिरकत की जिसमें उन्होंने 46.55 की औसत से 3631 टेस्ट रन, जबकि 44.61 की औसत से 6068 वनडे रन बनाये।