नई दिल्ली। आईसीसी के नॉकआउट मुकाबलों में भारतीय टीम को पिछले कुछ समय से लगातार मिल रही हार के बाद जहां फैन्स को खिताबी सूखे को मिटाने का इंतजार है तो वहीं पर आईसीसी मुकाबलों में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन ने विराट कोहली की कप्तानी को लेकर सवाल खड़े कर दिये हैं। इस बीच वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज गेंदबाज कर्टली एंब्रोस ने भारतीय क्रिकेट टीम के पिछले 8 सालों में लगातार हार के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि कैसे भारतीय टीम आईसीसी नॉकआउट गेम्स में कैसे प्रदर्शन को बेहतर कर के खिताब का सूखा मिटा सकती है।
कर्टली एंब्रोज ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि 2013 के बाद से भारतीय टीम लगातार तीनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद आईसीसी के नॉकआउट मैच में जीत नहीं पा रही है और लगातार खिताब से दूर रह रही है। कर्टली एंब्रोज ने भारत की नाकामी को लेकर हैरानी जताई है।
और पढ़ें: गांगुली, धोनी या कोहली, आकाश चोपड़ा ने बताया कौन है बेस्ट कप्तान और क्यों
उन्होंने कहा,'आईसीसी की ओर से आयोजित पिछले 6-7 टूर्नामेंट में भारतीय टीम लगातार फाइनल और सेमीफाइनल मैच में हार रही है, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि भारतीय टीम के साथ ऐसा क्यों हो रहा है। क्योंकि टूर्नामेंट से पहले और टूर्नामेंट के दौरान उनका प्रदर्शन शानदार होता है, लेकिन जैसे ही वो टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में पहुंचते हैं, मैच जीतने में नाकामयाब रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारतीय टीम को गेम प्लान बदलने की जरूरत है।'
एंब्रोस का मानना है कि भारतीय टीम को अपने गेम प्लान में परिस्थिति को भी शामिल करने की जरूरत है ताकि वो समय और परिस्थिति को ध्यान में रखकर गेमप्लान तैयार करे जिससे उन्हें सफलता मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय टीम को सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचने का अतिरिक्त दवाब लेना बंद करना होगा। आप जो चीजें अभी तक करते आ रहे थे उन्हें करना जारी रखें, तभी सफलता हासिल होगी।
गौरतलब है कि भारतीय टीम ने आखिरी बार एमएस धोनी की कप्तानी में 2013 की चैम्पियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की थी जिसके बाद से उसे लगातार हार का सामना करना पड़ा है। आपको बता दें कि भारतीय टीम को 2014 टी20 विश्व कप (फाइनल), 2015 वनडे विश्व कप (सेमीफाइनल), 2016 टी20 विश्व कप (सेमीफाइनल), 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी (फाइनल), 2019 विश्व कप (सेमीफाइनल) और 2021 की विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (फाइनल) में हार का सामना करना पड़ा है।