डिविलियर्स विश्व कप खेलना चाहते थे लेकिन..
ईएसपीएन क्रिकइंफो में छपी खबर के मुताबिक डिविलियर्स ने संन्यास से लौटने का इरादा तब जाहिर किया था जब विश्व कप के लिए प्रोटियाज टीम के चुनने में लगभग 24 घंटे रह गए थे। इस खबर के सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट फैंस का मानना है कि अगर आज डिविलियर्स टीम में होते तो दक्षिण अफ्रीकी को विश्व कप में ऐसी दुर्गति नहीं झेलनी पड़ती। गौरतलब है कि अफ्रीकी टीम विश्व कप में अपने तीनों शुरुआती मैच हार चुकी है। अब इस सुलगते हुए मसले पर दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के नेशनल सेलेक्शन पैनल के संयोजक लिंडा जोंडी ने बात की है। जोंडी ने साफ तौर पर स्वीकार किया है कि हां डिविलियर्स ने संन्यास छोड़कर विश्व कप में अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन यह उन्होंने तब दिया जब दक्षिण अफ्रीका विश्व कप के लिए अपनी टीम का चयन कर चुका था। ऐसे में बोर्ड डिविलियर्स के इस प्रस्ताव पर विचार नहीं कर सकता था।
बोर्ड ने बताई डिविलियर्स की 'मनमानियां'-
इतना ही नहीं, जोंडी ने डिविलियर्स पर पलटवार करते हुए यह भी कहा, 'मैंने डिविलियर्स से प्रार्थना की थी कि वह 2018 में संन्यास ना लें।' हालांकि सबको पता है कि डिविलियर्स तब भी नहीं माने और संन्यास लेकर दुनिया की विभिन्न टी-20 लीग खेलने में व्यस्त हो गए। इसके बावजूद कोई भी टीम डिविलियर्स के स्तर के बल्लेबाज को खोना नहीं चाहती। इसी कारण जोंडी ने डिविलियर्स को विश्व कप में खेलने का आसान विकल्प भी दिया था। इसका खुलासा करते हुए उन्होंने बताया, 'मैं उनको विकल्प दिया था कि वे विश्व कप में उपलब्ध रह सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनको श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली सीरीज में खेलने के लिए कहा गया था। लेकिन डिविलियर्स ने ऐसा करने के बजाए पाकिस्तान और बांग्लादेश की टी-20 लीग में भाग लिया।'
'डिविलियर्स ने खुद ही बंद किए थे वापसी के रास्ते'
जोंडी ने यह भी बताया कि डिविलियर्स ने उनसे साफ कहा था कि वह अपने संन्यास के फैसले पर अडिग हैं। इस तरह से डिविलियर्स ने खुद ही विश्व कप में खेलने के दरवाजे अपने लिए बंद कर दिए थे। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के पास अपने नियम-कायदों को पालन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। जोंडी ने खुद ये बात स्वीकारी है कि डिविलियर्स दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शुमार हैं लेकिन अचानक उनको विश्व कप में शामिल करने से वेन डर दुसें जैसे युवा खिलाड़ियों को नकारात्मक संदेश जाता जो काफी पहले से लगन और मेहनत के साथ विश्व कप की तैयारियों में जुटे हुए थे।
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