नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीक के दिग्गज तेज गेंदबाज लोनवाबो सोत्सोबे ने टीम के पूर्व कप्तान और दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट के डायरेक्टर ग्रैम स्मिथ पर संगीन आरोप लगाया है सोत्सोबे ने आरोप लगाया है कि जब वह टीम के कप्तान थे तो वह खिलाड़ियों के रंग के आधार पर उनके साथ भेदभाव करते थे। बता दें कि सोत्सोबे ने दक्षिण अफ्रीक की ओर से 61 वनडे मैच, 23 टी-20 मैच खेले हैं। वनडे में उनके नाम 94 विकेट और टी-20 में उनके नाम 18 विकेट हैं। इसके अलावा सोत्सोबे ने दक्षिण अफ्रीका की ओर से 5 टेस्ट मैच भी खेले हैं, जिसमे उन्होंने 9 विकेट लिए थे।
रंगभेद का लगाया आरोप
जिस तरह से सोत्सोबे पर 2015 में मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था उसके बाद उनका अंतरराष्ट्रीय करियर मुश्किल में आ गया था। हालांकि अभी भी सोत्सोबे का कहना है कि वह इस पूरे मामले में निर्दोष है और उनके साथ गलत व्यवहार किया गया है। बता दें कि सोत्सोबे पर 2015 में सात साल का प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन अब सोत्सोबे ने आधिकारिक बयान जारी करते कहा है कि स्मिथ ने उनकी जाति और रंग के आधार पर उनके साथ भेदभाव किया था। इसके लिए उन्होंने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच का उदाहरण भी दिया है।
अश्वेत खिलाड़ी को रोकने के लिए स्मिथ ने दी थी धमकी
सोत्सोबे ने कहा कि 2012 में विकेटकीपर बल्लेबाज थामी सोलेकील अपना पहला मैच खेलने वाले थे। टीम के विकेट कीपर मार्क बाउचर के चोटिल होने की वजह से टीम की पहली पसंदथ थामी थे, लेकिन स्मिथ ने उन्हें मौका देने की बजाए एबी डिविलियर्स से विकेट कीपिंग कराई। यही नहीं स्मिथ ने धमकी दी थी कि अगर थामी को मैच में मौका दिया जाता है तो वह क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। स्मिथ ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह अश्वेत विकेट कीपर को टीम में शामिल नहीं होने देना चाहते थे।
मामले की होगी सुनवाई
अपने बयान में सोत्सोब ने कहा कि एबी डिविलियर्स स्पेशलिस्ट विकेट कीपर नहीं थे जबकि टीम में स्पेशलिस्ट विकेट कीपर की जरूरत थी, लेकिन थामी को मौका ना मिले इसलिए डिविलियर्स को टीम में मौका दिया गया। सोत्सोबे ने अपना ये बयान क्रिकेट साउथ अफ्रीका के सोशल जस्टिस एंड नेशन बिल्डिंग कमेटी को दिया हैा। इस मामले की सुनवाई 19 मई को होनी थी। लेकिन फिलहाल इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।