नहीं सोचा था जीतेंगे
मदन लाल ने जीत की वजह बताते हुए कहा, ‘‘इतिहास तभी रचा जाता है जब मुश्किलों में कोई जीत हासिल की जाती है। किसी ने भी ये नहीं नहीं सोचा था कि हम वर्ल्ड चैम्पियन बनेंगे। 1975 और 1979 के वर्ल्ड कप में हम सिर्फ 2 ही मैच जीते थे। ऐसे में तब चैंपियन बनना देश के लिए बहुत बड़ी थी। यह क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत में से एक थी, क्योंकि फाइनल में हमने उस टीम को हराया था जिसने पहले हुए 2 टूर्नामेंट अपने नाम किए थे।''
विव को किया था आउट
इस चैंपियन ने आगे कहा, ‘‘यह जीत किसी एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पूरी टीम की जीत थी। प्रत्येक खिलाड़ी ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए हम खिताब जीत सके। बता दें कि फाइनल में मदन लाल ने विवियन रिचर्ड्स को आउट किया था जो क्रीज पर पैर जमा चुके थे। उन्हें आज भी यह विकेट याद है। मदन लाल ने कहा, ‘‘1983 के वर्ल्ड कप में रिचर्ड्स शानदार फॉर्म में थे। उन्हें आउट करने के बाद वेस्टइंडीज टीम दबाव में आ गई। इसके बाद हम लगातार विकेट लेते गए और कैरिबियाई टीम को संभलने का मौका ही नहीं मिला। इसी वजह से हम जीते।''
ऐसा रहा था मैच
भारत फाइनल में टाॅस जीतने से चूक गया था। विंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने टॉस जीतकर पहले भारत को बल्लेबाजी करने का न्याैता दिया। भारतीय टीम 183 रनों पर ढेर हो गई, लेकिन गेंदबाजों ने अच्छा काम किया। फिर 52वें ओवर की आखिरी गेंद पर अमरनाथ ने मिचेल होल्डिंग(6) का शिकार किया और भारत को 43 रन से जीत दिलाकर पहली बार आईसीसी विश्व कप का चैंपियन बना दिया।