टीम से हुआ मोहभंग
महेला जयवर्धने को विश्व कप अभियान के लिए श्रीलंकाई टीम से जुड़ने से ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि देश में क्रिकेट की जो आज हालत है, उसके कारण इस खेल से उनका मोहभंग हो गया है। क्रिकइंफो वेबसाइट ने जयवर्धने के हवाले से लिखा, ‘मुझे निमंत्रण दिया गया था, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण मेरे पास और कई अन्य काम हैं। मुझसे जिस भूमिका की उम्मीद की गई थी, मैं उसे समझ नहीं पाया हूं। अब मुझे इसमें शामिल करने का कोई मतलब नहीं है। टीम चुन ली गई है और अब सबकुछ हो चुका है। अब मेरे लिए इसमें कोई जगह नहीं है।'
इस खिलाड़ी पर लगा राजनीति लाने का आरोप
जयवर्धने ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज, दिनेश चंडीमल, थिसारा परेरा, लसिथ मलिंगा, चमारा कपूगेडरा और दिमुथ करुणारत्ने को कप्तान बनाया गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने और कुमार (संगकारा) ने केवल यही सलाह दी थी कि एंजेलो को क्रिकेट में राजनीति नहीं लानी चाहिए थी। उन्हें एक मजबूत कप्तान बनने की जरूरत थी लेकिन उन्होंने क्रिकेट को राजनीति से जोड़ दिया। उन्होंने अन्य लोगों को यह अधिकार दे दिया कि वे निर्णय लें।'
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जयवर्धने के दिए सुझाव पर नहीं हुआ अमल
41 साल के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘टीम प्रबंधन के साथ अपने छोटे से योगदान से मैं अब भी खुश हूं, लेकिन श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के साथ कुछ नहीं करूंगा। कुछ चीजें हैं, जिसे मैंने खुद को बताया है। मैं उनमें से नहीं हूं, जो किसी के लिए भी काम करना शुरू कर दूं, खासकर तब जब मुझे पता है कि मेरे लिए वह सही जगह नहीं है।' जयवर्धने ने इससे पहले श्रीलंका की घरेलू क्रिकेट में सुधार को लेकर अपनी योजना पेश की थी, लेकिन यह विफल रहा था। इसके अलावा उन्होंने लगातार कप्तान बदले जाने को लेकर भी अपनी निराशा जाहिर की और कहा कि ये सभी राजनीति के शिकार हुए हैं।