मनिंदर सिंह ने कपिल को दिया यकीन दिलाने के लिए क्रेडिट-
मनिंदर जिन्होंने 1982 और 19993 के बीच क्रमश: 88 और 66 विकेट लेकर 35 टेस्ट और 49 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, उनका मानना है कि एक कप्तान के लिए अपनी टीम में विश्वास जगाना बहुत जरूरी है और अपने खिलाड़ियों को सपोर्ट करना भी जरूरी है।
पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर ने भारत को 1983 का विश्व कप जीतने वाले कपिल देव को क्रेडिट दिया जिन्होंने प्रत्येक भारतीय को यकीन दिलाया कि वे भी जीत सकते हैं, इसी विश्वास ने बाद में सौरव गांगुली और एमएस धोनी की मदद की।
धोनी को बताया भाग्यशाली-
"धोनी भाग्यशाली थे कि कपिल देव ने 1983 में हमें विश्व कप दिलाया, तब धोनी भाग्यशाली थे कि उनसे पहले सौरव गांगुली थे, जिन्होंने हमें विश्वास दिलाया कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं फिर चाहे कोई भी परिस्थिति हो, इसलिए धोनी को यह मौका मिला" एक विशेष बातचीत में मनिंदर ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया।
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मनिंदर ने कहा कि उनके अनुसार कपिल और धोनी एक ही पेज पर हैं क्योंकि दोनों कप्तान सकारात्मक थे, शांत, और चतुराई से भरे।
गांगुली को बताया तीनों में बेस्ट-
"जब कपिल देव कप्तान थे तो विश्वास नहीं था। इसको छोड़कर बाकी सब चीजे दोनों में समान थी जैसे की- सकारात्मकता, शांत चित्त, इन दोनों की कप्तानी प्रवृत्ति एक ही है। मेरे लिए, कपिल और धोनी एक ही पेज पर हैं। अगर कपिल के पास कोई और होता जिसने हमारे सामने विश्व कप जीता होता, तो वह इससे भी बड़े कप्तान हो सकते थे।"
पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर ने हालांकि, मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तान के रूप में नामित किया क्योंकि उनकी प्रतिभा को पहचानने और सफल होने के लिए उनका समर्थन करने की क्षमता थी।
'गांगुली के अंदर टेलैंट पहचानने और उसको संभालने की क्षमता बेमिसाल थी'
"मुझे गांगुली की कप्तानी बहुत पसंद थी। देखें कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट में क्या कमाल किया है। उन्होंने युवराज को डंप से बाहर निकाला, उन्होंने हरभजन सिंह को वापस लाया, जब उन्हें गिरा दिया गया था, "उन्होंने कहा।
मनिंदर ने कहा कि 146 वनडे और 49 टेस्ट में भारत का नेतृत्व करने वाले गांगुली ने भारत को वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, जहीर खान और युवराज सिंह जैसे कई क्रिकेटर दिए।