बेहद आसान है ऑनलाइन पिच क्यूरेट करवाना
मनीष सिंह ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि जब तक चीजें नॉर्मल थी तो काम करना आसान था, लोग मैदान पर जाकर ही पिच क्यूरेट करवाते थे, हालांकि कोरोना वायरस के आने के बाद अब इस काम को ऑनलाइन ही कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा,' कोरोना वायरस के आने से पहले सभी काम आसानी से हो रहे थे, पिच क्यूरेटर स्टेडियम में जाकर ही पिच को बनाने का कर रहे थे।हालांकि इस महामारी के फैलने के बाद अब घर से ऑनलाइन ही काम करना पड़ रहा है, इसमें ज्यादा दिक्कत तो नहीं आती क्योंकि ग्राउड्समैन और कोच से बात करते हुए अच्छा नेटवर्क उपलब्ध है और उन्हें इससे समझाने में दिक्कत नहीं आती कि कैसे एक अच्छी पिच को तैयार किया जाये।'
कैसे करवाते हैं ऑनलाइन पिच क्यूरेट
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते फिलहाल वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, जिसके चलते मैदान पर पहुंचकर न तो पिच की देखभाल कर पा रहे हैं और न ही कोई नई पिच तैयार करवा रहे हैं। हालांकि ऑनलाइन काम करने के चलते धीरे-धीरे ही सही पर इस काम को अंजाम दिया जा रहा है।
बघेल ने बताया कि इस काम के लिये वह वीडियो कॉलिंग एप्स के जरिये कोच, ग्राउंड्स मैन, और अन्य सदस्यो से संपर्क में रहते हैं और उन्हें यह बताने की कोशिश करते हैं कि कैसे पिच को अच्छा और बेहतर बनाया जा सकता है। इस दौरान वह इस बात पर भी नजर रखते हैं कि कितना मैटेरियल इस्तेमाल किया जा रहा है।
ट्रिपल लेयर पिच ही सबसे आदर्श पिच
मैदान पर ट्रिपल लेयर पिच की तारीफ करते हुए बघेल ने कहा कि मौजूदा क्रिकेट में तिहरी सतह वाली पिच ही सबसे आइडियल मानी जाती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे ऐसे तैयार कराया जाता है जिससे मैच के दौरान बल्लेबाज, मीडियम पेसर और स्पिन गेंदबाज किसी को भी मुश्किल का सामना न करना पड़े और यही वजह है कि इसे तैयार करने में 3 महीने का वक्त लगता है। इसके लिए सही मिट्टी और सही मौसम का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।
बीसीसीआई से मिली ट्रेनिंग
इस बीच मनीष ने ऑनलाइन पिच क्यूरेट करवाते समय आनी वाली दिक्कतों के बारे में भी बात की बताया कि यह काम उतना आसान नहीं है, बल्कि कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इस दौरान उन्होंने बीसीसीआई की ओर से पिच क्यूरेट से जुड़ी 3 दिवसीय वर्कशॉप के बारे में भी बताया जिसमें उन्होंने ट्रेनिंग ली कि कैसे घर बैठे पिच क्यूरेट करवाने के सही निर्देश दिये जा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने खुद से भी इस बारे में काफी रिसर्च की और जाना कि कैसे इस काम को बखूबी अंजाम दिया जाए।
कहां-कहां करवा रहे हैं पिच क्यूरेट
गौरतलब है कि भारत में अभी तक सिर्फ 2 स्टेडियम (लखनऊ के इकाना और जयपुरिया) में ही ट्रिपल लेयर पिच का निर्माण किया गया था, हालांकि अब इसे एक और मैदान पर लाया जा रहा है।
इंटरव्यू के दौरान मनीष ने बताया कि वह ऑनलाइन माध्यम के जरिये घर बैठे मुंबई में पिच क्यूरेट करवा रहे हैं।
उन्होंने मैदान पर जाकर पिच क्यूरेट करवाने और घर बैठे इस काम को करने में अंतर बताते हुए कहा कि यह माध्यम कम खर्चीला है और साथ ही वक्त की भी बचत होती है। वहीं अगर आप मैदान पर जाते हैं तो यात्रा से लेकर लेबर चार्ज का खर्च बढ़ जाता है तो वहीं समय भी काफी ज्यादा लगता है। ऑनलाइन माध्यम के जरिये एक लाख से ज्यादा की लागत को बचाया जा सकता है।
दुनिया के पहले ऑनलाइन पिच क्यूरेटर
आपको बता दें कि इस प्रक्रिया के साथ ही मनीष सिंह बघेल ऑनलाइन पिच क्यूरेट करवाने पहले भारतीय क्यूरेटर हैं। इतना ही नहीं आज से पहले विदेश में भी कभी ऑनलाइन पिच क्यूरेट नहीं कराई गई है। इस अनूठी पहली की शुरुआत सबसे पहले भारत में ही हुई है।
ट्रिपल लेयर पिच की खासियत के बारे में बात करते हुए मनीष सिंह बघेल ने कहा कि इसमें सबसे निचली सतह रेड मौरंग, बीच की सतह मिट्टी एवं फाइन सैंड का मिक्स्चर और सबसे ऊपरी सतह पर सिर्फ मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान मिट्टी के सही क्वॉलिटी और उसके सही अनुपात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, वरना यह पिच कारगर साबित नहीं होगी। वहीं बाद में की गई पिच रोलिंग और मौसम का भी काफी प्रभाव देखने को मिलता है।