नये लोकपाल ने आदेश में किया बदलाव
मनजोत कालरा के वकील नवीन रहेजा ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि इस युवा खिलाड़ी को राहत मिली है और आदेश को संशोधित किया गया है। जिसकी वजह से कालरा एक बार फिर से दिल्ली की टीम से रणजी में खेलते नजर आयेंगे।
लोकपाल वर्मा ने कहा कि कालरा अगले आदेश आने तक खेलने के लिए फ्री थे और डीडीसीए के अपेक्स काउंसिल को इस मामले में नियमों के मुताबिक जांच करने को कहा गया है।
दायरे में रहकर नहीं की गई जांच
कालरा के वकील ने बताया कि नये लोकपाल ने मैच खेलने की अनुमति देने के साथ ही एक बार फिर से जांच करने के आदेश दिये हैं क्योंकि उनकी जांच के दौरान दायरे से बाह जाकर काम किया गया।
उन्होंने कहा, ' मनजोत कालरा के खिलाफ आदेश को संशोधित किया गया है। लोकपाल ने पाया कि केवल कालरा को बाहर कर दिया गया जबकि अन्य खिलाड़ियों पर भी एक जैसे आरोप लगाए गए थे। केवल कालरा पर ही बैन लगाना अनुचित था। अन्य खिलाड़ियों के पिता ने मांफी मांग ली थी और उन खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन कालरा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।'
वकील ने साथ ही यह भी बताया कि जब आदेश को संशोधित किया जा रहा था तो लोकपाल को इस बात की भी जानकारी हुई कि इस मामले में नियमों को ताक पर रखा गया था और दायरे से बाहर जाकर जांच की गई। नियमों के अनुसार अपेक्स काउंसिल प्रारंभिक जांच करेगी और इसे सीईओ को भेजा जाएगा। इसलिए, उस प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। लेकिन अगले आदेश तक वह खेल सकते हैं।
भारत को दिला चुके हैं अंडर-19 विश्व कप
मनजोत कालरा भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा था जिसने पिछली बार विश्व कप का खिताब जीता था। कालरा पर उम्र की हेराफेरी संबंधित आरोप लगे थे और इस कारण उन पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से एक सत्र का प्रतिबंध लगा था लेकिन डीडीसीए लोकपाल ने इस आदेश को बदल दिया।
दिल्ली के पूर्व कप्तान कीर्ति आजाद के गुट ने कालरा के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें रणजी ट्रॉफी और अंडर-23 टूर्नामेंट में खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।