नई दिल्ली: बांग्लादेश के वनडे कप्तान मशरफे मुर्तजा ने जिम्बाब्वे के खिलाफ टीम की तीन मैचों की श्रृंखला के समापन के बाद कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान उन्होंने स्टाइल के साथ अपनी कप्तानी को विदाई देते हुए जिम्बाब्वे का 3-0 से सूपड़ा किया।
मुर्तजा का फैसला बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की घोषणा के मद्देनजर आया था कि जिम्बाब्वे श्रृंखला मुर्तजा के लिए कप्तान के तौर पर अंतिम होगी, जिसके बाद उन्हें टीम में जगह बनाने के लिए अपने फॉर्म और फिटनेस को साबित करना होगा।
हालांकि मुतर्जा का कहना है कि कप्तानी छोड़ने का फैसला उनका खुद का था, जबकि उन्होंने कहा कि वह चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे।
3 भारतीय, 4 ऑस्ट्रेलियाई: कोहली के बिना ये है हरभजन सिंह की ऑल-टाइम टेस्ट XI
" मुर्तजा ने 5 मार्च, गुरुवार को सिलहट में तीसरे वनडे की पूर्व संध्या पर कहा, "मैं बांग्लादेश की कप्तानी छोड़ रहा हूं। तीसरा एकदिवसीय [जिम्बाब्वे के खिलाफ] कप्तान के रूप में मेरा आखिरी खेल होने जा रहा है। मैंने फैसला खुद लिया। एक खिलाड़ी के रूप में, मुझे मौका मिलने पर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता रहूंगा। मैं अगले कप्तान को शुभकामनाएं देता हूं।
बता दें कि मुर्तजा बांग्लादेश की संसद के भी सदस्य हैं, उन्होंने कहा है कि फिलहाल वे क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट के कारण ही सबकुछ हूं।अगर मैं क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ता, तो मैं मछली पालन कर रहा होता। मेरे भविष्य में निश्चित रूप से क्रिकेट शामिल है, और अगर किसी खिलाड़ी को मेरी आवश्यकता है, तो मैं इसे अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा। मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपना काम अगले चुनाव तक करना होगा।'
मुर्तजा ODI में बांग्लादेश के सबसे सफल कप्तान हैं। कप्तान के तौर पर अपने अंतिम मुकाबले से पहले उन्होंने 87 बार टीम का नेतृत्व किया जो एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड है और उन खेलों में से 49 जीते, जो बांग्लादेश के कप्तान के तौर पर सबसे ज्यादा हैं। जबकि अब कुल मिलाकर मुर्तजा ने बांग्लादेश को सभी फार्मेट में 61 बार जीत दिलाई है।
उनकी उपलब्धियों में कप्तान के रूप में उल्लेखनीय है- ऑस्ट्रेलिया में ICC मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 के क्वार्टर फाइनल और 2017 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में नेतृत्व।
बांग्लादेश ने मुर्तजा के नेतृत्व में पाकिस्तान, भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसी जगहों पर जाकर सीरीज जीत भी दर्ज की।