नई दिल्ली। भारतीय मूल के संजीव चावला पर 2000 में हुए चर्चित क्रिकेट मैच फिक्सिंग कांड में शामिल होने का आरोप लगा था। चावला के कारण साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेट कप्तान हैंसी क्रोनिए और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर इसी के कारण बर्बाद हुआ। चावला को हिरासत में लेने के लिए भारत पूरी तैयार में है लेकिन ब्रिटिश सरकार की तरफ से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के करीब पहुंच चुके मैच फिक्सिंग के आरोपी संजीव चावला ने बचाव के लिए यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ईसीएचआर) का दरवाजा खटखटाया है।
ईसीएचआर की प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों के अनुसार, चावला की याचिका पर एक हफ्ते के अंदर फैसला आ जाएगा। पूर्व ब्रिटिश गृह सचिव साजिद जाविद की तरफ से जारी अपने प्रत्यर्पण आदेश को मानवाधिकार के आधार पर खारिज करने की अपील पर लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनवाई के दौरान चावला को हार मिली थी। कोर्ट ने 23 जनवरी को उसे भारत वापस भेजने के लिए 28 दिन की समयसीमा तय कर दी थी। यह सयम सीमा 19 फरवरी को पूरी हो रही है।
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लेकिन 19 फरवरी से पहले प्रत्यर्पण से बचने के लिए चावला ने फ्रांस के स्ट्रासबर्ग शहर में स्थित ईसीएचआर में याचिका दाखिल की है। याचिका में चावला ने मानवाधिकार पर यूरोपीय समझौते के आधार पर अपना प्रत्यर्पण रोकने की अपील की है। इस समझौते में ब्रिटेन भी शामिल है। सीएचआर के प्रवक्ता ने 29 जनवरी को याचिका मिलने की पुष्टि करते हुए कहा है कि कोर्ट ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रवक्ता के मुताबिक, ईसीएचआर ने पहले ही नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग से यह आश्वासन मांगा था कि एक ब्रिटिश नागरिक के तौर पर चावला को मिले अधिकार लागू रहेंगे और उसे नियमित राजनयिक पहुंच मिलती रहेगी।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, उनकी एक टीम इस मामले में स्टैंडबाई पर रखी गई है। यह टीम ब्रिटेन में चावला के प्रत्यर्पण से जुड़ी दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रही है। प्रक्रिया पूरी होते ही टीम चावला को लाने के लिए रवाना हो जाएगी।