इस मामले में की बराबरी
दरअसल, साल 2009-10 में जब साउथ अफ्रीका की टीम भारत आई थी तो सहवाग ने लगातार दो मैच में शतक लगाए थे और अब मयंक ने भी ये करिश्मा करके दिखाया है। विशाखापट्टनम में हुए पहले मैच में 215 रनों की शानदार पारी खेलने के बाद मयंक ने अब दूसरे टेस्ट की पहली पारी शतक लगा गिया है। लेकिन 61वें ओवर की आखिरी गेंद पर गेंद को रोकने के प्रयास में मयंक रबाडा के शिकार बन बैठे। फरवरी 2010 में अफ्रीकी टीम 2 टेस्ट के लिए भारत आई थी। ये सीरीज 1-1 पर ड्रा रही। लेकिन सहवाग ने दोनों मैचों में शतक लगाए थे। सहवाग ने पहले मैच की पहली पारी में 109 रन बनाए थे, हालांकि भारत ये मैच एक पारी 6 रन से हार गया था। वहीं दूसरे मैच में सहवाग ने 165 रन बनाए जिसमे भारत ने एक पारी 57 रन से मैच जीता था।
औसत के मामले में सबसे आगे
मयंक अग्रवाल के लिए ये मैदान काफी लकी भी रहा है। जब आखिरी बार फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने जब वो इस मैदान में उतरे थे तो उन्होंने महाराष्ट्र के खिलाफ नवंबर 2019 में 304 रन की नाबाद पारी खेली थी। इस शतक के साथ मयंक अग्रवाल ने सचिन, सहवाग जैसे दिग्गजों को भी पछाड़ दिया है। पहली इनिंग में कम से कम 500 रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में औसत के रूप में मंयक ने इन दिग्गजों को पछाड़ा है। टेस्ट की पहली इनिंग में मयंक का औसत अब 89.33 का हो गया है जबकि सचिन, कांबली, पुजारा और सहवाग का औसत क्रमश: 65.97, 64.66, 63.23 और 58.11 है।
बाउंसर का शिकार भी हुए
बता दें कि मयंक अपने दूसरे शतक को पूरा करने से पहले एक तेज बाउंसर का शिकार भी हुए थे। दरअसल, मयंक जब पुजारा के साथ 11वें ओवर का सामना कर रहे थे तो तेज गेंदबाज एनरिच नॉर्टे उन्हें बाउंसर से परेशान करने लगे। ओवर की चाैथी गेंद उन्होंने 141.8km/h की स्पीड से फेंकी, जिसे मयंक पढ़ने में असफल रहे। जब तक मयंक संभलते तब तक गेंद उनके हेलमेट पर जा लगी। गेंद हेलमेट पर लगते ही बड़ा उछाल लेते हुए बाउंड्री के पार भी चली गई। हालांकि मयंक अग्रवाल भाग्यशाली रहे कि उन्हें किसी प्रकार की चोट नहीं आई। उधर अंपायर ने चाैका देते हुए भारत के खाते में 4 रन जोड़ दिए।
हालांकि एनरिच को जवाब मयंक ने अगली ही गेंद पर दे दिया। एनरिच ने पांचवीं गेंद 148km/h की रफ्तार से फेंकी जिसपर मयंक ने चाैका जड़ते हुए हिसाब बराबर कर लिया। एनरिच के पूरे ओवर का सामना मयंक ने ही किया था। एनरिच मयंक को परेशान करने के लिए लगातार तेज गेंदें फेंक रहे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उनकी पहली गेंद 141.3km/h, दूसरी गेंद 147.1km/h, तीसरी गेंद 140.5km/h की रफ्तार से आई थी।