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मयंक अग्रवाल ने बताया कैसे बाकी क्रिकेटरों से अलग रहा है उनका सफर

नई दिल्ली: घरेलू क्रिकेट की शानदार सफलता के बाद मयंक अग्रवाल के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट भी अब तक काफी सफल रहा है। वे टेस्ट ओपनर के तौर पर अपनी पहचान कायम कर चुके हैं।

मेलबर्न में 26 दिसंबर 2018 को पदापर्ण करने वाले मयंक तब से 9 टेस्ट मैच खेल चुके हैं दो डबल सेंचुरी मार चुके हैं। उन्होंने साल 2019 का समापन टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले छठे बल्लेबाज के तौर पर किया। मयंक को हालांकि सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना बाकी है, उन्हें विश्व कप के दौरान और वेस्टइंडीज के खिलाफ हालिया सीरीज के लिए बुलाया गया था।

करियर का सफर बाकी क्रिकेटर्स से अलग

करियर का सफर बाकी क्रिकेटर्स से अलग

नए साल में, मयंक न्यूजीलैंड में अपना अंतर्राष्ट्रीय रन जारी रखेंगे। मयंक ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत के जरिए बताया है भारत की जर्सी में खेलने को अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में बताया है।

मंयक ने माना है कि उनके करियर का सफर बाकी क्रिकेटर्स से अलग रहा है। लेकिन उनको ये पसंद है। मयंक ने बताया, "मैं कहूंगा कि मेरी यात्रा कई अन्य लोगों से अलग रही है। यह मुझे काफी पसंद आया है। हां, मुझे बहुत सारे घरेलू खेल खेलने पड़े हैं, जिन्होंने मुझे बहुत मदद की है। उन खेलों को खेलने से मुझे एक बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद मिली।"

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रोहित के साथ जोड़ी बनाने का तजुर्बा कैसा रहा-

रोहित के साथ जोड़ी बनाने का तजुर्बा कैसा रहा-

मयंक ने तीन ओपनिंग बल्लेबाजों के साथ अभी तक सलामी जोड़ी बनाई है। जब उनसे रोहित शर्मा के साथ उनकी जोड़ी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "यह पहली बार था जब मैं उनके साथ ओपन कर रहा था। हमने सिर्फ योजनाओं के बारे में बात की, हमारे पास प्रत्येक गेंदबाज के लिए योजना थी। हमारे पहले ओपनिंग स्टैंड में उनके साथ इतनी बड़ी ओपनिंग साझेदारी (विशाखापत्तनम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 317) करना बहुत अच्छा था। मुझे उनके साथ खेलने में मजा आया और वह स्पिनरों पर हावी रहे।

"नॉन-स्ट्राइकर के छोर से, आप देख सकते हैं कि गेंदबाज संघर्ष कर रहे थे। अच्छी गेंदों को चार के लिए मारा जा रहा था और खराब गेंदों को वैसे भी सजा दी जा रही थी।"

फार्मेट स्विच करने पर मयंक के विचार

फार्मेट स्विच करने पर मयंक के विचार

मयंक पर फिलहाल टेस्ट बल्लेबाज का ठप्पा लगा हुआ है। वे मानते हैं कि जब आप प्रारूप स्विच करते हैं तो आपके खेल को समझना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। यह जानना कि कब जोखिम लेना और स्थितियों को पढ़ना महत्वपूर्ण है। जब आप 50 ओवर खेल रहे होते हैं, तो आपके विचार से अधिक समय होता है। टी 20 में ऐसा नहीं होता है। सबसे आवश्यक बात यह है कि आप अपने खेल को समझें और देखें कि आप उस विशेष विकेट पर क्या शॉट खेल सकते हैं और क्या नहीं खेल सकते हैं। मंयक के मुताबिक मानसिक तौर पर ही बड़ा बदलाव करना होता है।

Story first published: Wednesday, January 1, 2020, 12:18 [IST]
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