नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने अभी आईसीसी विश्व कप का अपना पहला मैच भी नहीं खेला कि इसके पहले खिलाड़ी नखरे करते दिख रहे हैं। जी हां, भारतीय टीम अपने देश के मीडिया से सामने आने से बच रहे हैं। इसकी झलक सोमवार को देखने को मिली जब टीम इंडिया के मीडिया मैनेजर की तरफ से बताया गया था कि अभ्यास के बाद टीम का एक खिलाड़ी प्रेस कांफ्रेंस के लिए आएगा। भारतीय मीडिया कांफ्रेंस रूम में एकत्र हो गए। काफी देर होने के बाद टीम इंडिया के मैनेजर आए और बताया कि कोई भी बात करने के लिए खिलाड़ी नहीं आएगा। आप दो तेज गेंदबाज आवेश खान और दीपक चाहर का इंटरव्यू ले लें। यह सुनकर सभी पत्रकार निराश हो गए और वहां से चले आए।
नाराज मीडिया ने बताया गया कि यह आइसीसी का टूर्नामेंट है और प्रेस कांफ्रेंस में ऐसे खिलाड़ी को भेजना चाहिए जो इस टूर्नामेंट में खेल रहा है। ऐसे में भारतीय मीडिया मैनेजर ने हास्यास्पद जवाब देते हुए कहा कि ये दोनों यानि की आवेश और दीपक मंगलवार को भारत जा रहे हैं, उनको भी थोड़ा सा पब्लिसिटी मिल जाए। अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस तरह के निर्देश मीडिया मैनेजर को टीम प्रबंधन ने दिए या उन्होंने यह खुद ही कहा। बता दें कि इन दोनों गेंदबाजों को बल्लेबाजों की प्रैक्टिस करवाने के लिए साथ में लाया गया था।
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हैरानी वाली बात यह है कि जबसे भारतीय टीम इंग्लैंड आई है तब से कप्तानों की प्रेस कांफ्रेंस को छोड़कर उनकी तरफ से किसी ने भी मीडिया से बातचीत नहीं की है। इससे पहले 2015 विश्व कप में भी कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की प्रेस कांफ्रेंस को लेकर विवाद हुआ। उसमें मैच जल्दी खत्म हो गया था और उसके बाद धौनी फुटबॉल खेलने लगे। जब मीडिया मैनेजर से कहा गया कि नियम के अनुसार प्रेस कांफ्रेंस कराई जाए तो धौनी झुंझलाते हुए आए और कहने लगे कि इसकी वजह से मैं फुटबॉल नहीं खेल पाया। इससे पहले 2010 में श्रीलंका दौरे के समय में मीडिया ने तत्कालीन कप्तान धौनी की प्रेस कांफ्रेंस से वॉकआउट किया था। तब भी वह मैच खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस की जगह फुटबॉल खेलने में व्यस्त हो गए थे।