नई दिल्ली। भारतीय टीम 6 दिसंबर से शुरू होने जा रही टेस्ट सीरीज के लिए तैयारियों में जुटी है। इससे पहले तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली जा चुकी है। यह सीरीज 1-1 से बराबरी पर छूटी थी। क्रिकेट की असली और निर्दयी लड़ाई टेस्ट मैच में जीत की होती है, ये बात सभी क्रिकेट पंडित जानते हैं। बॉल टेंपरिंग कि घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में हुए बदलाव और ऑस्ट्रेलियाई टीम के बदले हुए रवैये के चलते यह माना जा रहा है कि कंगारू इस बार थोड़ा कम आक्रामक होंगे। लेकिन पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क इस बात की खिलाफत में उतर आए हैं।
माना जा रहा है कि अब कंगारू टीम मैदान पर अपनी आक्रामकता को छोड़ देगी जो इसकी पहचान रही है। इसी पर पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने मौजूदा टीम को भारत के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 'ऑस्ट्रेलियाई शैली की क्रिकेट खेलने' की सलाह देते हुए कहा कि मैदान पर अच्छा इंसान बने रहने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट से पहले विराट के सामने हैं बेस्ट कॉम्बिनेशन 4 चुनौतियां
फिर से मैदान में तनातनी की वकालत करते क्लार्क
बता दें कि दुनिया में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों निर्मम क्रिकेट खेलने के लिये जाना जाते रहे हैं, लेकिन गेंद से छेड़छाड़ मामले के बाद उन्होंने मैदान पर उग्रता को कम किया है। भारतीय कप्तान विराट ने तो दौरे पर जाने से पहले इसका खुलकर स्वागत भी किया था। हांलाकि विश्व कप विजेता कप्तान क्लार्क का नजरिया एकदम अलग है।
वार्नर से प्रभावित हैं क्लार्क
क्लार्क ने इस बारे में बात करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को पसंदीदा बनने की चिंता छोड़ देनी चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई शैली की कड़ी क्रिकेट खेलो चाहे कोई पसंद करे या नहीं, यह हमारे खून में है। हो सकता है कि हम दुनिया की सबसे पसंदीदा टीम बन जाएं लेकिन ऐसे हम मैच नहीं जीत पाएंगे।' क्लार्क ने इस मामले में गेंद से छेड़छाड़ कांड में बाहर चल रहे डेविड वॉर्नर की भी मिसाल दीं। वार्नर मैदान पर सबसे आक्रामक खिलाड़ियों में गिने जाते है।