नई दिल्ली। महिलाओं को लेकर अपने आपत्तिजनक बयानों के बाद चौतरफा आलोचना झेल रहे हार्दिक पांड्या आजकल अंडरग्राउंड चल रहे हैं। वे किसी से ज्यादा बातचीत नहीं कर रहे हैं और ना ही ज्यादा घर से बाहर निकल रहे हैं। हार्दिक पांड्या के बारे में फिलहाल लोग भी अपनी अपनी राय को बंटे हुए हैं। एक तरफ एक ऐसा तबका है जो चाहता है कि इस मामले पर बाकायदा ढंग से सुनवाई हो और दूसरी तरफ इस तरह की राय भी दी जा रही है कि पांड्या जैसे खिलाड़ियों को जांच होने तक खेलने देना चाहिए। अभी हाल ही में बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने भी यही राय दी है कि खिलाड़ियों को जांच जारी रखते हुए उनको खेलने दिया जाए।
वैसे इसमें कोई शक नहीं कि टीम प्रबंधन विश्व कप के लिए हार्दिक को अपनी टीम में देखना चाहेगा। कप्तान विराट कोहली भी मानते हैं कि यह युव ऑलराउंडर टीम में एक अच्छा संतुलन प्रदान करता है। 2010 में ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप विजेता टीम के कप्तान माइकल क्लार्क ने भी इस मामले पर अपना फैसला सुनाया है। क्लार्क के अनुसार पांड्या विश्व कप के लिए महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ियों के लिए मुख्य मकसद खेल में सम्मान कमाना होना चाहिए।
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क्लॉर्क ने कहा, 'आप कितना पैसा कमाते हैं यह मायने नहीं रखता क्योंकि सबसे जरूरी चीज दूसरे को सम्मान देना और अपने लिए सम्मान कमाना है। मुझे लगता है कि ये तभी शुरू हो जाता है जब आपकी परवरिश शुरू हो जाती है। किसी भी इंसान की इज्जत करना महत्वपूर्ण है। इसकी शुरुआत अपने से बड़ो का सम्मान करने से होती है फिर चाहे वे किसी भी प्रोफेशन के हों।' इसके साथ ही क्लॉर्क ने कहा कि प्रोफेशनल खिलाड़ी रोल मॉडल की तरह होत हैं और उनके ऊपर जिम्मेदारी होती है कि वे अपने आप को अच्छे से प्रस्तुत करें। हालांकि क्लॉर्क ने माना सभी गलतियां करते हैं और उनसे सीख लेते हैं। ऐसे में हार्दिक पांड्या जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को विश्वकप का हिस्सा जरूर होना चाहिए। वे अकेल दम पर भी मैच जीताने की क्षमता रखते हैं और मुझे पूरा यकीन है कि वे विश्व कप के लिए टीम में शामिल होंगे।