नई दिल्ली। पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें पाकिस्तान टीम के 17 दिनों के शिविर के लिए 'कैम्प कमांडेंट' बनाया गया है। पीसीबी द्वारा जारी बयान के मुताबिक, सीजन से पहले यह शिविर आने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले टूर्नामेंट्स की चुनौती की तैयारी के लिए आयोजित किया गया है।
पाकिस्तान का घरेलू सीजन संभवत: 12 सितंबर से कैद-ए-आजम ट्रॉफी से शुरू होगा। इस शिविर के लिए 14 केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी और छह अतिरिक्त खिलाड़ी बुलाए गए हैं जो लाहौर स्थित राष्ट्रीय खेल अकादमी में 19 अगस्त को पहुंचेगे। दो दिन के फिटनेस टेस्ट के बाद शिविर 22 अगस्त से शुरू होगा और सात सितंबर तक चलेगा। मिस्बाह इस शिविर का ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाएंगे। पीसीबी ने फैसला किया है कि वह कोच मिकी आर्थर और पूरे कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल नहीं बढ़ाएगी। मीडिया में ऐसी अटकलें हैं कि मिस्बाह को यह काम दिया जा सकता है।
पीसीबी के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट निदेशक जकीर खान ने कहा, "पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तान मिस्बाह उल हक इन दिनों में हर प्रारूप की जरूरतों को समझते हैं। टेस्ट चैम्पियनशिप की शुरुआत के कारण पीसीबी चाहती है कि पाकिस्तान दो मैचों की टेस्ट सीरीज में श्रीलंका के सामने अपनी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम के साथ उतरे।" पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्बाह ने ही अभ्यास शिविर के लिए खिलाड़ियों का चयन किया है और अब वह उन्हें प्रशिक्षण भी देंगे। इसलिए यह उनका दोनों पदों के लिए एक तरह से इम्तिहान भी हो सकता है।
इस खिलाड़ी के नाम दर्ज हैं 61,760 रन, साथ में है 199 शतक लगाने का बड़ा रिकाॅर्ड
जाकिर खान ने आखिरी बार संवाददाताओं से कहा था कि बोर्ड सीनियर टीम के चयन पैनल के लिए तीन मॉडल पर विचार कर रहा है। पहला जिसमें चेयरमैन हो और तीन-चार अन्य सदस्य हों। दूसरा एक को मुख्य चयनकर्ता बनाया जाए और साथ ही छह राज्य की टीमों के मुख्य कोच को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए कि वह मुख्य चयनकर्ता को प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बारे में बताए। तीसरे मॉडल में सिर्फ एक शख्स को चुना जाए और उसे ही मुख्य कोच तथा मुख्य चयनकर्ता की जिम्मेदारी सौंपी जाए जिसे छह राज्यों की टीमों के मुख्य कोच रिपोर्ट करें और प्रतिभाशील खिलाड़ियों के बारे में बताएं।