नई दिल्ली। अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप का चाैथा क्वार्टर फाइनल मैच उस समय चर्चा का विषय बन गया जब अफगानिस्तान के गेंदबाज ने नूर अहमद ने पाकिस्तान के बल्लेबाज मोहम्मद हुरैरा को मांकड आउट किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर गेंदबाज की आलोचना होना शुरू हो गई। ठीक वैसे ही जैसे आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलते हुए रविचंद्रन अश्विन को जोस बटलर को मांकड आउट करने पर आलोचनाएं झेलनी पड़ीं। लेकिन मांकड आउट कितना सही है या नहीं, इसपर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन ने अपनी राय रखी है।
जॉनसन ने अफगानिस्तान के गेंदबाज का समर्थन करते हुए कहा कि उसने कोई बेईमानी नही की है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर मांकड़िग की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, ''पिछली बार की तरह भी इस पर मेरी राय नहीं बदली। खेल भावना को गेंदबाजो के खिलाफ ही उपयोग किया जाता है। लेकिन कैसे खेल यह भावना बल्लेबाज के पक्ष में डाल दिया जाता है, उन्हें भी अपनी क्रीज में रहने के लिए कहो। जब गेंदबाज उस मिलीमीटर लाइन के बाहर नही जा सकता तो बल्लेबाज को उसका फायदा क्यों मिलना चाहिए?''
इस दिग्गज गेंदबाज ने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि मांकड नियम वापस आ गया है। एक कारण होना चाहिए कि इसे फिर से क्यों पेश किया गया है? हो सकता है कि यह सभी बल्लेबाज उस अतिरिक्त रन का फायदा उठा रहे थे मेरे हिसाब से गेंदबाज ने कोई गलत काम नही किया है। उसने कोई बेईमानी नही की उसने सिर्फ खेल के नियमों का पालन किया है।
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बता दें कि इसमें नॉन-स्ट्राइकर को बोलर द्वारा गेंद फेंकने से पहले रन आउट किया जाता है। इसमें जब गेंदबाज को लगता है कि नॉन-स्ट्राइकर क्रीज से बहुत पहले बाहर निकल रहा है तो वह नॉन-स्ट्राइकर छोर की गिल्लियां उड़ाकर नॉन-स्ट्राइकर को आउट कर सकता है। इसमें गेंद रिकॉर्ड नहीं होती लेकिन विकेट गिर जाता है। मांकडिंग के सबसे मशहूर उदाहरण वीनू मांकड द्वारा ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को रन आउट करना है। यह घटना 13 दिसंबर 1947 को हुई थी। माकंड गेंदबाजी कर रहे थे और उन्होंने ब्राउन को क्रीज से बाहर निकलने पर रन आउट कर दिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया-XI के खिलाफ उस दौरे पर दूसरी बार ब्राउन को ऐसे आउट किया था।