इस मामले में धोनी से आगे
मिताली ने भारत के लिए 89 टी-20 मुकाबले खेले थे जिसमें उन्होंने 37.52 की औसत से 2364 रन बनाए हैं। वह भारत की पहली ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने बताैर कप्तान टी20 में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। वहीं अगर धोनी की बात करें तो उन्होंने अपने करियर में 98 मैचों में 1617 रन बनाए हैं। धोनी के नाम जहां सिर्फ 2 अर्धशतक हैं तो वहीं मिताली ने 17 बार अर्धशतक जमाया है जो दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में मिताली का बल्ला धोनी से ज्यादा बोलता था।
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ऐसा करने वाली पहली भारतीय क्रिकेटर
यही नहीं, मिताली अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में सबसे पहले 2000 रन पूरे करने वाली पहली भारतीय क्रिकेटर हैं। उन्होंने ये उपलब्धि रोहित शर्मा और विराट कोहली से भी पहले हासिल की थी। उनका यह कीर्तिमान हमेशा याद रखा जाएगा। टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी मिताली ने 32 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया है। इसमें तीन बार महिला टी-20 वर्ल्ड कप भी शामिल हैं। मिताली ने अपना आखिरी टी-20 मुकाबला इसी साल 9 मार्च को गुवाहाटी में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। उस मैच में उन्होंने 32 गेंदों में नाबाद 30 रन बनाए थे।
यहां से हुई थी मिताली की संन्यास की संभावना
बता दें कि इस साल के फरवरी महीने में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टी20 मैचों के लिए दाैरे पर थी। टी20 टीम में मिताली को जगह दी गई थी लेकिन उन्हें पहले मैच में शामिल नहीं किया गया। भारत यह मैच हारा तो मिताली को बाहर करने पर सवाल उठने शुरू हो गए। कप्तान हरमनप्रीत काैर ने यह कह दिया था कि मिताली धीमी पारी खेलती हैं जिस कारण उन्हें बाहर किया गया। वहीं मिताली ने उस समय कोच रमेश पवार पर भेदभाव करने के आरोप लगाए थे। मामला आगे बढ़ा लेकिन मिताली को फिर टीम में जगह नहीं देने के संकेत मिले। इसके बाद उन्होंने अब संन्यास लेने का फैसला लिया।