नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की दिग्गज खिलाड़ी और वनडे टीम की कप्तान मिताली राज उन दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल हैं जो कि सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला क्रिकेटर हैं। पिछले साल टी20 प्रारूप से संन्यास लेने के बाद मिताली का पूरा ध्यान अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप पर है जहां वो एक आखिरी बार भारत को विश्व कप जिताने की कोशिश करना चाहती हैं और उसके बाद वह क्रिकेट को पूरी तरह से अलविदा कह देंगी। मिताली राज का मानना है कि वह अपने करियर का अंत देश के लिये विश्व कप जीतकर करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय महिला टीम दो बार विश्व कप जीतने के करीब पहुंचकर चूक गई है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने मिताली की कप्तानी में इंग्लैंड की मेजबानी में खेले गये 2017 विश्व कप फाइनल मैच हार का सामना करना पड़ा। इसके एक साल भारतीय टीम को टी20 विश्व कप में वेस्टइंडीज के हाथों सेमीफाइनल में हारकर बाहर होना पड़ा था।
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मिताली ने स्टार स्पोर्ट्स के एक तेलुगू कार्यक्रम में कहा, '2013 में जब भारत में वर्ल्ड कप हुआ था, हम सुपर-6 में भी नहीं पहुंचे थे। मुझे बहुत दुख हुआ था। तब सोचा कि 2017 वर्ल्ड कप में कोशिश करेंगे। फिर मैंने विश्व कप के लिए बहुत मेहनत की। बतौर खिलाड़ी, कप्तान काफी होमवर्क किया। जब हम फाइनल में पहुंचे तो मैने सोचा कि फाइनल जीतकर मैं संन्यास ले लूंगी। इतने साल खेलकर मैंने सब कुछ पाया, सिवाय वर्ल्ड कप ट्रॉफी के। अगले साल यानी 2021 में मैं फिर कोशिश करूंगी। उम्मीद है कि सभी की शुभकामनाओं से इस बार हम जीत पाएंगे।'
गौरतलब है कि मिताली राज का मानना है कि बीसीसीआई को 5 साल पहले ही महिला क्रिकेट को अपने अंडर ले लेना चाहिये था।
उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को 2006-07 में अपने अधीन कर लिया। यह पांच साल पहले हुआ होता तो और बेहतर रहता। उस समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे लेकिन पैसे के अभाव और खेल के मार्फत आर्थिक स्थिरता नहीं मिलने से उन्होंने दूसरा पेशा चुना।'