नई दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने लेटर लिख प्रशासकों की समिति और बीसीसीआई पदाधिकारियों से करोड़ों रुपए बकाया पेंशन की मांग की है। लगभग पांच साल पहले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग के आरोप में जो आजीवन प्रतिबंध लगाया था वह गलत है। जिसके बाद आंध्र उच्च न्यायालय ने पांच साल पहले उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए तमाम आरोपों से बरी कर दिया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबित बीसीसीआई ने अजहर पर से लगे आजीवन प्रतिबंध को नहीं हटाया था और न ही कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इस बात की चर्चा इसी साल तब हुई जब अजहरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट एसोशिएशन का चुनाव लड़ने का मन बनाया था। हैदराबाद क्रिकेट एसोशिएशन लड़ने के लिए जब अजहरुद्दीन नोमीनेसन दाखिल करने गए तो रिटर्निंग ऑफिसर ने अजहर को ये कहते हुए अयोग्य घोषित कर दिया था कि बीसीसीआई ने उन पर से अपना प्रतिबंध नहीं हटाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अब ये यह पता चला है कि अजहर ने बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और प्रशासकों की समिति (सीओए) को लेटर लिखा है। जिससे उन्होंने बीसीसीआई से अपनी उस बकाया राशि की मांग की है जो बीसीसीआई द्वारा पूर्व भारतीय कप्तानों को दी जाती है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अजहर ने कोर्ट द्वारा आरोप मुक्त होने पर बोर्ड के अधिकारियों से अपने मुआवजे के पैकेज पर विचार करने के लिए कहा था।
हालांकि अब प्रशासकों की समिति और बीसीसीआई पदाधिकारियों की मंगलवार को होने वाली बैठक में भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की लंबी बकाया राशि पर बातचीत की जाएगी। समझा जाता है कि अजहर ने सीओए को बताया है कि आंध्र उच्च न्यायालय ने पांच साल पहले उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए तमाम आरोपों से बरी कर दिया था। उन्होंने अपने बकाया के बारे में भी पूछताछ की जो कुछ करोड़ रुपए हैं। बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा ,'हां , अजहरूद्दीन के मसले पर सीओए की बैठक में बात की जायेगी। फिलहाल अजहर पर कोई प्रतिबंध नहीं है और वह बीसीसीआई के समारोहों में भाग ले रहे हैं।