कई चुनौतियों के बावजूद पाकिस्तान ने कभी नहीं किया खेलने से इंकार
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सीनियर बल्लेबाज मोहम्मद हाफिज ने इसको लेकर कहा कि हमारी टीम ने कई चुनौतियों के बावजूद दौरे किये और परिस्थितियां कठिन होने के बावजूद श्रृंखला को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया। इस दौरान मोहम्मद हाफिज ने यह भी कहा कि वो समझते हैं कि न्यूजीलैंड ने बिना किसी कारण के दौरा रद्द नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार उनके इंटेलिजेंस विभाग को पाकिस्तान में आतंकी हमले की धमकी मिली थी जिसके चलते उन्होंने न्यूजीलैंड सरकार को दौरे से वापस आने की सलाह दी थी। वहीं बाद में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार न्यूजीलैंड की महिला क्रिकेट टीम को मैच न खेलने के लिये कहा गया था और साफ किया था कि अगर उनकी टीम खेलने उतरेगी तो उस पर आतंकी हमला हो सकता है।
बिना वजह न्यूजीलैंड ने नहीं किया दौरा रद्द, पर हम पर भरोसा करना चाहिये था
हाफिज ने कहा,'देखिये, मैं यह नहीं कहूंगा कि न्यूजीलैंड ने बिना किसी वजह के दौरा रद्द कर दिया। मैं अपने देश के लिये कई ऐसे दौरों पर गया हूं जहां पर हमें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद हमने दौरे को पूरा किया। अगर आप किसी टीम को खेलने के लिये बुलाते हैं, जहां पर वो 14 दिन के मुश्किल क्वारंटीन से गुजरने के बावजूद क्रिकेट खेलना मंजूर करते हैं क्योंकि उन्हें इस खेल से प्यार है और वो इसे जारी रखना चाहते हैं।'
चैम्पियन्स ट्रॉफी में रेड अलर्ट पर था इंग्लैंड
एआरवाई न्यूज के साथ बात करते हुए मोहम्मद हाफिज ने आगे बात करते हुए इंग्लैंड में आयोजित हुई आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी 2017 से कुछ समय पहले हुई घटना पर ध्यान दिलाया। इस वैश्विक टूर्नामेंट से पहले लंदन में आतंकी हमला हुआ था जिसके बाद दुनिया भर में दहशत का माहौल था लेकिन इसके बावजूद किसी टीम ने टूर्नामेंट से नाम वापस नहीं लिया और पाकिस्तान ने भारत को हराकर यह टूर्नामेंट जीता।
उन्होंने कहा,'हमने हमेशा बड़ा दिल दिखाया है लेकिन न्यूजीलैंड का सीरीज न खेलने का फैसला पाकिस्तान के फैन्स और हम सभी खिलाड़ियों के लिये दुखदायक रहा है। जब इंग्लैंड में 2017 की चैम्पियन्स ट्रॉफी का आयोजन किया गया था तो उस वक्त रेड अलर्ट जारी था लेकिन इसके बावजूद हमने खेल को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए भाग लिया। हालांकि न्यूजीलैंड सरकार का पाकिस्तान इंटेलिजेंस पर भरोसा न करने काफी अफसोस जनक फैसला रहा है।'