नई दिल्ली। साल 2002 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम की यादगार जीत के हीरो रहे मोहम्मद कैफ लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। मोहम्मद कैफ भारतीय टीम के उन पहले खिलाड़ियों में से थे जो कि सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम में अपनी फिटनेस के लिये जाने जाते हैं। सौरव गांगुली और उनकी कप्तानी वाली टीम के किसी भी फैन से उस वक्त के बेहतरीन फील्डर्स का नाम पूछेंगे तो वो बेझिझक मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह की जोड़ी का नाम बतायेगा। भारतीय टीम में फील्डिंग को बेहतरीन करने की इच्छा जगाने वाले इस खिलाड़ी ने गुरुवार को हेलो एप के जरिये लोगों से लाइव चैट की और अपने जमाने में साथी खिलाड़ियों के फिटनेस पर बात की।
कैफ ने यह भी बताया कि अगर उनके जमाने में फिटनेस के लिये यो-यो टेस्ट को अनिवार्य कर दिया गया होता तो कौन-कौन से खिलाड़ी इस टेस्ट को पास कर जाते। इस दौरान मोहम्मद कैफ ने बताया कि टीम में युवराज सिंह, लक्ष्मीपति बालाजी और वह खुद टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक थे।
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उन्होंने कहा,'क्रिकेटर्स के लिये मौजूदा समय में फिटनेस बहुत मायने रखती है। मौजूदा समय में इसे परखने के लिये यो-यो टेस्ट किया जाता है। अगर यह टेस्ट हमारे जमाने में कराया जाता तो मुझे लगता है कि मैं और बालाजी इसे पास कर जाते। यहां तक की युवराज सिंह के भी काफी चांसेस थे लेकिन मुझे नहीं लगता कि इन खिलाड़ियों के अलावा कोई और खिलाड़ी था जो इसे पार कर पाता।'
मोहम्मद कैफ ने अपने पूर्व कप्तान और मौजूदा समय में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए कहा कि उनके अनुसार उन्हें अभी बीसीसीआई की अध्यक्ष बने रहना चाहिये।
उन्होंने कहा,' दादा बहुत सीधे इंसान हैं, वह अपनी बात को सीधे रखने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने इतने छोटे समय में कई सारे सकरात्मक बदलाव किये हैं। मुझे उम्मीद है कि वह और भी पारदर्शिता ला सकते हैं, जिसके लिये उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष के एक और कार्यकाल की जरूरत है।'
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आपको बता दें जिस दौर में मोहम्मद कैफ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे थे उस दौरान टीम में सौरव गांगुली के अलावा सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, जहीर खान, अजीत अगरकर और आशीष नेहरा जैसे खिलाड़ी शामिल थे।