टीम में कोई स्पष्टता नहीं है
कोहली को जब से कप्तान बनाया गया है, वह लगातार टीम में बदलाब करते रहते हैं। उनकी कप्तानी में ही कई युवाओं को डेब्यू करने का माैका भी मिला, लेकिन कई ऐसे खिलाड़ी भी रहे जिन्होंने डेब्यू तो किया लेकिन फिर लंबे समय के लिए गायब हो गए। उनमें से एक हैं हनुमा विहारी। कैफ ने स्पोर्ट्स टाक पर बात करते हुए कहा, "इस भारतीय टीम में कोई स्पष्टता नहीं है और हमें इस बात को स्वीकार करने की भी जरूरत है। कोहली का अंदाज अलग है। वो देखते हैं कि काैन सा खिलाड़ी माैजूदा समय अधिक फॉर्म वाला है फिर और उसे ही प्लेइंग इलेवन में जगह देते हैं। यह उनका तरीका है। आपको अंत में इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि आखिर कोहली ने बताैर कप्तान क्यों कोई आईसीसी ट्राॅफी नहीं जीती है।''
पिछले प्रदर्शन को उतना महत्व नहीं देते
इस साल की शुरुआत में, इंग्लैंड के खिलाफ T20 सीरीज के दौरान, भारत ने केवल पहला मैच खेलने के बाद शिखर धवन को शुरुआती प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया। उस सीरीज के दौरान रोहित शर्मा को कुछ मैचों के लिए आराम दिया गया था, जबकि कोहली ने सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन को डेब्यू करने का माैका दिया। दोनों ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन यह भी सच है कि धवन का फाॅर्म खराब नहीं था, लेकिन फिर भी बाहर कर दिया गया था, कोहली के टीम चुनने के तरीके का एक प्रमाण है।
पिछले प्रदर्शन को महत्व नहीं देते कोहली
कैफ ने कहा, "कोहली खिलाड़ियों के पिछले प्रदर्शन को उतना महत्व नहीं देते हैं। उनका ध्यान सिर्फ इस बात पर रहता है कि आप मौजूदा समय में किस फॉर्म में हैं। इसलिए सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन को प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का माैका मिला। यही वजह है कि शिखर धवन कुछ गेम चूक गए, रोहित शर्मा को आराम दिया गया।"कैफ ने आगे सौरव गांगुली का उदाहरण दिया। कैफ ने गांगुली की कप्तानी में अपना अधिकांश अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। कैफ का कहना है कि खिलाड़ियों का समर्थन करना कप्तानी को संभालने का शास्त्रीय तरीका है, कुछ ऐसा जो वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष अपने कार्यकाल के दौरान किया करते थे। कैफ ने कहा, "गांगुली अपने खिलाड़ियों का समर्थन करते रहेंगे, जो चीजों को संभालने का क्लासिक तरीका है। एक कप्तान यही करता है। लेकिन यह कोहली का तरीका नहीं है।''